किसानों की आय दोगुना करने हेतु सरकार वचनबद्ध : मोदी


नई दिल्ली, 20 फरवरी (वार्ता): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि का गौरव लौटाने और 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के संकल्प को आज दोहराते हुए कहा कि सरकार विज्ञान एवं तकनीक के बदौलत इसे संभव बनाने का प्रयास कर रही है। मोदी ने यहां कृषि मंत्रालय की ओर से आयोजित‘ कृषि 2022- किसानों की आय दोगुना करना‘ राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार कृषि लागत को कम करने , कृषि उत्पादों की उचित कीमत दिलाने , फसलों के तैयार होने के बाद की बर्वादी को रोकने तथा किसानों को अतिरिक्त आय दिलाने पर अपना ध्यान केन्द्रीत कर रही है। उन्होंने देश में चलाये जा रहे मृदा परीक्षण अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि 19 राज्यों में किये गये एक अध्ययन में साबित हुआ है कि मिट्टी जांच कराने के कारण रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में आठ से दस प्रतिशत की कमी आयी है और फसलों का उत्पादन पांच से छह प्रतिशत बढा है । इसी प्रकार से वर्षो से लंबित 99 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 80 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और इनमें से 50 परियोजनाएं इस वर्ष पूरी हो जायेगी जिससे खेती के खर्च में कमी आयेगी।
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के माध्यम से भी किसानों को प्राक़तिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने का प्रयास किया गया है और पिछले साल किसानों को 11 हजार करोड़ रुपये की दावे की राशि का बीमा कम्पनियों ने भुगतान किया है । सरकार 2018-19 में फसलों की कुल बुआई क्षेत्र के 50 प्रतिशत हिस्से को कृषि बीमा योजना के तहत लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि नीम लेपित यूरिया के उपयोग से भी किसानों का खर्च घटा है और उत्पादन बढ़ा है।  मोदी ने कहा कि सोलर वाटर पंप के उपयोग से भी किसानों का खेती का खर्च घटेगा। पिछले तीन साल के दौरान पौने तीन लाख सोलर वाटर पंप स्वीकृत किये गये हैं और इसके लिए ढाई हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। सरकार अब ग्रीड कनेक्शन के माध्यम से किसानों को सोलर पंप देने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि के अलावा पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी, कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन से तो किसानों की आय दोगुना की जा सकती ही है । इसके अलावा फसलों के अवशेष से भी उनकी आय बढायी जा सकती है। इस संबंध में उन्होंने केले के तने का जिक्र करते हुए कहा कि केला कटने के बाद यह समस्या हो जाती है लेकिन इससे औद्योगिक कागज का निर्माण किया जा सकता है।