जब कनाडियन सांसद रूबी सहोता अपनी मौसी को याद कर हुई भावुक

संघोल, 21 फरवरी (गुरनाम सिंह चीना) : पिछले लंबे समय के बाद कनाड़ा की सांसद बनने के बाद पहली बार अपनी मौसी के गांव हरगणां पहुंची कनाडियन सांसद रूबी सहोता अपनी स्वर्गी मौसी को याद कर एक दम भावुक को गई। जिस को देखकर परिवार के अन्य सदस्यों की आंखों में आंसू आ गए। रूबी सहोता करीब 12 वर्ष पहले सन 2006 में हरगणां आई थी और तब वह पारलीमेंट सदस्य नहीं थी, सन 2017 में हुई मौसी राजिन्द्र कौर की अचानक मौत मौके भी वह नहीं पहुंच सकी थी। जिस कारण उस को आज भी इस बात का पछतावा है। 
रूबी सहोता पेशे के तौर पर एक वकील है और उस के पति डाक्टर हैं, और उनके पास एक बेटा निहाल सिंह है। रूबी ने बताया कि वह छोटी आयु में ज्यादा समय अपनी मौसी के पास आकर रहती थी क्योंकि उसके जद्दी गांव जंडाली में कोई नहीं रहता था और उस समय मौसी राजिन्द्र कौर के हाथ का बना सरसों का साग मक्की की रोटी, भैंसों की धारें व खेतों में घूमने थी, उस समय की यादों को उस ने आज ताजा किया है। रूबी सहोता में सभ से खास बात यह देखने को मली वह यह थी कि रूबी का जन्म भी कनाडा का है परन्तु उस ने अपनी मां बोली पंजाबी को सभ से ऊपर रखा हुआ है। रूबी का कहना है कि हमें सभी भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए, परन्तु अपनी मां बोली को कभी भुलाना नहीं चाहिए। रूबी सहोता ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि पंजाब के बाहरी प्रदेशों से आने वाले लोगों से हम तो हिंदी बोलना सीख लेते हैं, परन्तु हम यह कोशिश नहीं करते की उन को भी पंजाबी भाषा बोलना सिखाया जाए। रूबी सहोता के विचारों से यह बात स्पष्ट हो रही थी कि वह पंजाबी भाषा को दिल से प्यार करती है। रूबी सहोता का गांव पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।