रेडियो सिग्नल के अविष्कारक मार्कोनी

मार्कोनी को प्रथम रेडियो सिग्नल के आविष्कारक होने के नाते 1907 ई. में नोबेल पुरस्कार मिला। किशोरावस्था से ही उनकी बेतार संदेश भेजने में रुचि थी और वे अपने घर में एक कमरे से दूसरे कमरे में बेतार संदेश भेजने भी लगे थे। उनका स्वप्न था कि वे दुनिया के किसी भी कोने में बेतार संदेश भी भेज सकें। उनके पिता उनकी इस रुचि से नाखुश थे और इसे समय की बर्बादी कहते थे। परन्तु मार्कोनी ने उनकी एक न सुनी।1901 में मार्कोनी ने इंग्लैंड से अमरीका तक वायरलैंस संदेश भेजने का निश्चय किया। अमरीका जाकर मार्कोनी ने एक ऐसी पतंग बनाई, जिसका हवा से बचाव हो सके। उसने एरियल के रूप में यह पतंग और बॉंस का इस्तेमाल किया।  वह काफी देर तक आवाज़ सुनते रहे, लेकिन कोई स्वर न सुनाई दिया। इस असफलता से वे निराश हो गए। अचानक उन्हें धीमा-सा स्वर सुनाई दिया और वे खुशी से उछल पड़े।  वह तीन बिंदुओं का पूर्व निर्धारित संकेत था जिसका टेलीग्राफ की भाषा में अर्थ था एस अक्षर। इस तरह वायरलेस टेलीग्राफी का आविष्कार हुआ।      
- गुरमीत कौर सिद्धू