भारत-कनाडा आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे

नई दिल्ली, 23 फरवरी : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दौरे का 6वां दिन उस समय सबसे ज्यादा सफल साबित हुआ जब उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राजधानी में विस्तारपूर्वक मुलाकात हुई और दोनों देशों के बीच 6 समझौतों पर करार करने का ऐलान किया गया। मोदी ने ट्रूडो को अपना मित्र कहकर सम्बोधित किया। व्यस्तताओं भरपूर दिन की शुरुआत में ट्रूडो का भारत सरकार ने सरकारी सम्मानों के साथ स्वागत किया। सुबह समय दोनों प्रधानमंत्री राष्ट्रपति भवन में पहुंचे जहां मोदी ने ट्रूडो, उनकी पत्नी सोफिया व बच्चों का भव्य स्वागत किया। इसके पश्चात् ट्रूडो को गार्ड आफ आनर पेश किया गया। इस अवसर पर दोनों देशों के राष्ट्रीय गीतों की धुनें भी बजाई गईं। राष्ट्रपति भवन में स्वागती रस्मों के बाद ट्रूडो का काफिला राजघाट पहुंचा जहां उन्होंने परिवार सहित महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धापूर्वक पुष्पमाला भेंट की। इसके पश्चात् ताज पैलेस होटल में उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मुलाकात की जिसमें कनाडा की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी शिरकत की। सुषमा स्वराज ने ट्रूडो व फ्रीलैंड का स्नेहभरपूर अंदाज़ में स्वागत किया। इस मुलाकात के दौरान पड़ोसी देश म्यांमार के हालातों पर चिंता जाहिर की गई और विश्वव्यापी शांति व सुरक्षा बारे चर्चा हुई।
इसके बाद हैदराबाद हाऊस में दोनों मोदी व ट्रूडो के बीच सीधी बातीचीत हुई। परम्परा के अनुसार मेजबान के रूप में मोदी गार्ड आफ आनर वाली जगह व हैदराबाद हाऊस में ट्रूडो से पहले पहुंचे और उनका इंतज़ार किया। मोदी ने कहा कि उन्हें ट्रूडो का स्वागत करते हुए खुशी हुई। उन्होंने कहा कि ट्रूडो 1983 में अपने पिता (उस समय के कनाडा के प्रधानमंत्री) पीयर ट्रूडो के साथ भारत आए थे। उसके बाद अब खुद प्रधानमंत्री के रूप में पहुंचे हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने रक्षा व आतंकवाद पर प्रमुखता से विचार-विमर्श किया और आपसी सहयोग की सम्भावनाआें की पहचान की, यह भी कि कनाडा व भारत आतंकवाद विरुद्ध एकजुटता से लड़ने के लिए सहमत हुए हैं। स्वास्थ्य सूचना तकनीक, विज्ञान व लोगों के आपसी संबंध जोड़ने के विषयों बारे निकटता बढ़ाने पर सहमति जताई गई। दोनों नेताओं की मुलाकात मौके 6 समझौतों पर करार करने का ऐलान किया गया। मोदी ने कहा कि आतंकवाद, व्यापार, निवेश, खोज, ऊर्जा, उच्च शिक्षा, खेल, उपलब्धि, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अर्थव्यवस्था आदि के क्षेत्रों में दोनों देशों द्वारा सहमति से मेल-जोल व हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ठोस तरीके अपनाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि फूट डालने व  देश की अखंडता को खतरा बनने वाली ताकतों के लिए देश में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। मोदी ने बताया कि अफगानिस्तान, मालदीव व उत्तर कोरिया की स्थिति बारे व शांति स्थापित करने के लिए कनाडा व भारत के विचारों में कोई अंतर नहीं है। मोदी ने कैनेडियन भारतीय भाईचारे की प्रशंसा की और अपने चार सिख मंत्रियों को भी साथ लाने के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि भारत को विकास के लिए कनाडा की ज़रूरत है। ट्रूडो ने खुशी व संतोषपूर्वक कहा कि भारत व्यापारिक सहयोग के लिए कनाडा का भरोसेमंद मित्र देश है। उन्होंने कहा कि कैनेडियन व भारतीयों के फायदे के लिए दोनों देशों की सरकारों को सहयोग से आगे बढ़ने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच लोकतांत्रिक नैतिक मूल्यों का सम्मान करने की साझ है। दोनों देशों के नौजवान दिन-प्रतिदिन एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के विद्यार्थी निरंतर कनाडा में पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को फायदा है। ट्रूडो ने उम्मीद जताई कि साझे हितों की पूर्ति के लिए दोनों देशों का सहयोग बरकरार रहेगा। मोदी के साथ मुलाकात के समय ट्रूडो के साथ उनके आधा दर्जन मंत्री (हरजीत सिंह सज्जन, नवदीप सिंह बैंस, अमरजीत सोही, बरदीस चग्गर, क्रिस्टी डंकन व क्रिस्टिया फ्रीलैंड) भी मौजूद रहे। इस अवसर पर अन्यों के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे। मोदी के साथ मुलाकात के बाद ट्रूडो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले। सायं समय ट्रूडो पुन: राष्ट्रपति भवन पहुंचे और भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ सद्भावना मुलाकात की जहां कोविंद ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।ट्रूडो की भारत से कनाडा वापसी आज : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का सात दिवसीय दौरा आज समाप्त हो जाएगा और वह 24 फरवरी को सायं कनाडा रवाना होंगे। उनका विमान दिल्ली से चलकर रोम (इटली) होते हुए 25 फरवरी को प्रात: कनाडा की राजधानी ओटावा पहुंचेगा। विमान में उनके साथ कुछ कैबिनेट मंत्री, प्रधानमंत्री के कार्यालय के अधिकारी,  रायल कैनेडियन माऊंटिड पुलिस के अधिकारी व पत्रकार शामिल होंगे, ट्रूडो ने अपने पहले सरकारी भारतीय दौरे को सफल करार दिया।