आम चुनावों के मद्देनज़र ममता का हिन्दू वोट की ओर बढ़ा रुझान

तृणमूल कांग्रेस बहुसंख्यक वर्ग को आकर्षित करने के लिए नई योजना में व्यस्त है। जिसके तहत अलग-अलग ज़िलों के धर्मगुरुओं के साथ कान्फ्रैंसें आयोजित की गईं। तृणमूल के नेताओं द्वारा हिन्दू गुरुओं को सम्बोधित किया गया। मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी का मानना है कि अगले वर्ष लोकसभा चुनावों के बाद उनकी दिल्ली में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा क्षेत्र हैं और तृणमूल कांग्रेस अधिक से अधिक क्षेत्रों में जीतना चाहती है। तृणमूल कांग्रेस के ज़िला अध्यक्ष अजीत मेयती ने धर्मगुरुओं की एक रैली में कहा कि वह दिल्ली के किसी भी शासक के प्रति या किसी भी भगवा झण्डे वाले के प्रति स्वयं को समर्पित न हों। तृणमूल द्वारा हिन्दू संगठनों तक पहुंच की जा रही है। खासतौर पर हिन्दू समिति जो भाजपा को परेशान करता है, जिसको पूर्व संघ प्रचारक तपन घोष ने 2008 में स्थापित किया था। ज़िला स्तर पर किए गए विधानसभा और लोकसभा चुनावों के निरीक्षण से सामने आया है कि तृणमूल कांग्रेस ने मुस्लिम बहुसंख्या वाले ज़िले मुरशदाबाद, मालदा और उत्तरी दिनाजपुर में ठीक-ठाक प्रदर्शन ही किया जबकि इन क्षेत्रों में वामपंथी और कांग्रेस पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था परन्तु तृणमूल कांग्रेस को हिन्दू बहुमत वाले ज़िलों में अच्छा समर्थन प्राप्त हुआ था। ममता बैनर्जी भी इस मुहिम में अपनी दिलचस्पी दिखा रही हैं। 
हार्दिक पटेल की मुहिम
पाटीदार आरक्षण आन्दोलन के नेता हार्दिक पटेल ने ऐलान किया कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान राज्यों में भाजपा सरकारों के विरुद्ध चुनाव मुहिम शुरू करेंगे। उन्होंने चुनौती दी कि कोई भी उनको ऐसा करने से रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि वह बेरोज़गार नौजवान, किसानों की खराब हालत तथा इन राज्यों में शिक्षा संबंधी मुश्किलों के मुद्दों को लगातार प्रकट किया जायेगा। 
मंदिर से बाहरी उम्मीदवार
11 मार्च को होने वाले गोरखपुर लोकसभा उप-चुनाव के लिए तीन दशकों में पहली बार गोरखपुर मंदिर से बाहर का उम्मीदवार होगा। भाजपा ने उपेन्द्र शुक्ला, क्षेत्रीय इकाई प्रधान को पार्टी उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी ने शुक्ला का चुनाव ब्राह्मण जोकि राज्य में सबसे बड़ा उच्च वर्ग है और इसको विरासती सहयोग भी दिया जाता है, वर्ग को ध्यान में रखते हुए किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या द्वारा क्रमवार गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा क्षेत्रों से इस्तीफा दिये जाने के कारण यहां उप-चुनाव होना ज़रूरी था। 
नितीश की कशमकश
बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार अपनी पार्टी के लिए चिंतित हैं, क्योंकि विरोधी पार्टियों तथा उनके मंत्रियों द्वारा दिन-प्रतिदिन मुसीबतें पैदा की जा रही हैं। हाल ही में मंत्री और भाजपा नेता विनोद सिंह ने भोजपुर में सी.आर.पी.एफ. के जवान की जम्मू-कश्मीर में हुई शहादत पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। विनोद सिंह भोजपुर मंडल के प्रभारी भी हैं। भाजपा अरारिया लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। इसलिए नितीश कुमार द्वारा विरोधी नेताओं के साथ बैठक शुरू की गई। अपनी खेलगांव की यात्रा के समय वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह के घर गए। चर्चा है कि नितीश लगातार बिहार में सत्ता का केन्द्र बनने की कोशिशें कर रहे हैं। 
ममता की स्वास्थ्य योजना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी द्वारा मोदी सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का विरोध किया जा रहा है, क्योंकि राज्य सरकार की इसी तरह की अपनी योजना भी है, जिसका नाम ‘दीदी केयर योजना’ है, जोकि काफी प्रसिद्ध भी है। तृणमूल पार्टी का कहना है कि जब राज्य में पहले ही स्वास्थ्य के लिए योजना चल रही है तो केन्द्रीय योजना की कोई ज़रूरत नहीं है, जिसके लिए राज्य को 40 प्रतिशत हिस्सा देना ज़रूरी होता है। ममता द्वारा पहले भी वस्तु और सेवा कर तथा नोटबंदी का भी ज़ोरदार विरोध किया गया है। 
वसुंधरा के वायदे
राजस्थान के उप-चुनाव में भाजपा की हार के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बजट द्वारा कुछ अच्छा दर्शा कर मतदाताओं को आकर्षित करना चाहती हैं। उनके इस वर्ष के बजट में 1.8 लाख युवाओं के लिए रोज़गार पैदा करने तथा किसान के 50,000 रुपए तक के ऋण माफ करने के वायदे किए गए हैं। इसके अलावा बुजुर्गों के लिए राज्य की सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा और उनके साथ सफर करने वाले को 50 प्रतिशत तक छूट दी गई और यह भी ऐलान किया गया कि 12वीं कक्षा में से 85 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को स्कूटर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र युवाओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।