डाक्टरों की लापरवाही से महिला ने सड़क पर दिया बच्च्े को जन्म, मौत


संघोल, 27 फरवरी (गुरनाम सिंह चीना) : गांव महेशपुरा में इंटों के भट्ठे पर पथेर का काम कर रही एक प्रवासी परिवार की महिला ने सिविल अस्पताल खमाणों व संघोल में डाक्टरों व प्रबंधों की कमी के चलते और डाक्टरों की लापरवाही के कारण सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया और नव जन्मे बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। इस संबंधी खमाणों के सिविल अस्पताल में जानकारी देते हुए गांव महेशपुरा के भट्ठे पर काम करती प्रवासी मजदूर महिला के पति रजिन्द्र कुमार और उस की पत्नी पीड़ित महिला पूनम 36 वर्ष ने बताया कि गत दिन कल जब उस के पेट में जणेपे के कारण पीड़ा शुरू हुई तो उस को आशा वर्कर ममता के द्वारा संघोल के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में लेकर जाया गया। जिस के बाद डाक्टरों के द्वारा उस की मामूली देख भाल करने के बाद खमाणों के सिविल अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। जिस के बाद खमाणों के डाक्टरों के द्वारा रक्त  आदि के नमूने लेने के बाद दर्द के बावजूद उसे दाखिल करने की बजाए रक्त की कमी की बात कहकर अगले दिन फतेहगढ़ साहिब के सिविल अस्पताल में रक्त चड़ाने के लिए रैफर किया गया, परन्तु घर जाने के बाद करीब शाम चार बाजे उस को फर से पीड़ा शुरू हो गई, जिस के बाद परिवार सदस्यों ने आसा वर्कर को फोन किया तो उस के द्वारा उन्हें संघोल आने के लिए कहा गया। जिस के बाद मोटरसाइकिल पर संघोल जाते समय उक्त प्रवासी मजदूर महिला ने राहगीरों  की मद्द से सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया और नव जन्मे बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई।
क्या कहना है पीड़ित परिवार का :    पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर संघोल व खमाणों हस्तपाल के डाक्टरों के द्वारा पीड़ित महिला को इधर उधर रैफर करने की बजाए अस्पताल में दाखिल कर लिया जाता तो बच्चे की जान बच सकती थी। पीड़ित परिवार ने इस घटना के लिए जिम्मेदार डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या कहना है सीनियर मैडीकल अधिकारी का :  इस संबंधी जब सिविल अस्पताल खमाणों व संघोल के सीनियर मेडिकल अधिकारी रश्मी चोपड़ा के साथ बात की गई, तो उस ने डाक्टरों की कमी और प्रबंधों की कमी को कबूलते हुए कहा कि संघोल और खमाणों अस्पताल में टैस्ट, रक्त चड़ाने वाले डाक्टर व मैडिशन के डाक्टरों का प्रबंध नहीं है, जिस के चलते महिला को फतेहगढ़ साहिब के सिविल अस्पताल में रैफर किया गया था। जोकि महिला को फतेहगढ़ साहिब लेकर जाने की बजाए घर ले गए, और जब महिला को शाम समय पीड़ा होने के बाद वह महिला को अस्पताल लेकर आ रहे थे, तो महिला ने बच्चे को रास्ते में ही जन्म दे दिया, जब वह अस्पताल पहुंचे तो बच्चे की मौत हो चुकी थी। जिस के बाद मृतक बच्चे का शव परिजनों के हवाले कर दिया गया और बच्चे की मां को फिर से सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब में रैफर कर दिया गया। खबर लिखे जाने तक उक्त महिला को फतेहगढ़ साहिब से रजिन्द्रा अस्पताल पटियाला में रैफर कर दिया गया था। जब इस संबंधी सिविल सर्जन फतेहगढ़ साहिब हरमिन्द्र कौर सोढी के साथ फोन पर बात की गई तो उस ने बैठक में होने के बात कहकर अपना पीछा छुड़ा लिया।