काश! मैं तुम्हारी नज़र से देख सकती

‘मेरे फूल मुझसे भी खूबसूरत हैं’
‘तुम्हारे फूल बहुत खूबसूरत हैं।’
‘नहीं, पक्षियों के राजकुमार, मेरे फूल मुझसे ज्यादा खूबसूरत हैं।’
‘नहीं, तुम्हारे फूल खूबसूरत हैं परन्तु तुम उनसे भी ज्यादा खूबसूरत हो’ पक्षी और लड़की में रुहानी वार्तालाप चलता रहा।
‘तुम मेरी नज़र से देखो कि मेरे फूल कितने सुन्दर हैं’ फूलों सी सुन्दर लड़की ने पक्षी को कहा।
‘ऐ फूलों की राजकुमारी, ऐ विश्व-सुंदरी परियों-सी-अप्सरा, तुम मेरी नज़र से देखो कि मेरी फूलों की राजकुमारी कितनी खूबसूरत है।’
‘काश! मैं तुम्हारी नज़र से देख सकती और तुम मेरी नज़र से’ लड़की ने अपने सीने पर हाथ रखते हुए आह भरी। 
‘क्यों नहीं’ बगीचे में एक विशेष तरह का आभामंडल-सा अवतरित हो उठा। पक्षी ने एकदम अपना रूप बदला और एक खूबसूरत राजकुमार का रूप धारण कर लिया और लड़की ने एक रंगीन चिड़िया का।
अचानक सारा बगीचा जैसे राजकुमार की खूबसूरती से जगमग उठा। सारे बगीचे के फूल आसमान के सितारों जैसे टिमटिमा उठे। सारे फूल, सारा बगीचा ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण वातावरण ही एक नूरानी स्वरूप धारण कर गया। रंगीन चिड़िया का रूप माहताबी स्वरूप धारण कर गया। हर तरफ मोहब्बत के नगमे गूंजने लगे।
‘ऐ राजकुमार, तुम तो सचमुच मेरे फूलों की भांति सुंदर हो क्या तुम मुझे अपनी अर्द्धांगनी स्वीकार करते हो।’
‘क्यों नहीं-?’ राजकुमार ने बहुत विनम्रता से कहा और एक प्यारी-सी मुस्कान उसके चेहरे पर छा गई।
‘तो फिर आज से मैं तुम्हारी हूं मेरी जान से भी प्यारे राजकुमार...।’ कहते ही रंगीन चिड़िया उड़ कर राजकुमार के हाथ पर आ बैठी। कुछ देर वे यूं ही एक-दूसरे को निहारते रहे और फिर कुछ देर बाद राजकुमार ने फिर से पक्षी का रूप धारण कर लिया और फिर वे दोनों प्यारी-सी उड़ान भर कर आसमान में उड़ने लगे और सम्पूर्ण राह प्यार-मोहब्बत की खुशबू फैलाते रहे। उड़ते-उड़ते वे जहां भी बैठते, वहां प्रेम-गीत और वहीं पर प्रेम-नगरी बसा जाते।
वे जहां भी जाते, उनके साथ-साथ एक आकाशवाणी गूंजती रहती...
‘प्यार एक ऐसा खूबसूरत और रंगीन पक्षी है जो ज़िन्दगी में सुन्दर-सुन्दर फूल खिला देता है और ज़िन्दगी को रंगीन बना देता है। इसको सदैव अपने दिल-दिमाग और रूह में बसा कर रखिये।’


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