ए प्लस ग्रेड के पीछे है विराट और धोनी का दिमाग

नई दिल्ली, 8 मार्च (वार्ता): भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने खिलाड़ियों के नए अनुबंध में सात करोड़ रुपए का नया ए प्लस ग्रेड लाकर सबको चौंकाया है लेकिन इस ग्रेड को लाने के पीछे भारतीय कप्तान विराट कोहली और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का दिमाग है। नए अनुबंध में अनुबंधित खिलाड़ियों की संख्या को 32 से घटाकर 26 लाया गया हैं और नया ए प्लस ग्रेड शुरू किया गया है। नये वर्ग में कप्तान विराट कोहली,रोहित शर्मा, शिखर धवन, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को रखा गया है जिन्हें सात सात करोड़ रुपए मिलेंगे।   खिलाड़ियों की अनुबंध राशि को बढ़ाए जाने की मांग पूर्व कोच अनिल कुंबले ने पिछले साल उन्हें हटाए जाने से एक महीने पहले उठाई थी। इस मांग को उठाने के लगभग एक महीने बाद कुंबले ने कोच पद छोड़ दिया। उन्होंने तब सीओए और बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारियों के सामने अपने प्रेजेंटेशन भी दिया था। कुंबले का कहना था कि खिलाड़ियों और कोचों की सैलरी को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के समकक्ष लाया जाए। कुंबले के वेतन मॉडल में शीर्ष अनुबंध पांच करोड़ रुपये का था। बीसीसीआई का संचालन देख रहे सीओए ने बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी के साथ 2017 के आखिरी महीनों में विराट, धोनी, रोहित  शर्मा और प्रमुख कोच रवि शास्त्री से कई राऊंड की बातचीत की थी। इस बातचीत के दौरान दिसम्बर में खिलाड़ियों ने ए प्लस ग्रेड का सुझाव दिया। सीओए के प्रमुख विनोद राय ने कहा,‘यह सुझाव विराट और धोनी की तरफ से आया कि इस ग्रेड में ऐसे खिलाड़ियों को रखा जाए जो तीनों फॉर्मेट में खेल रहे हों और रैंकिंग में टॉप 10 में हों। खिलाड़ी पूर्ण श्रेष्टता वाला ग्रेड चाहते थे जहां आप अच्छा प्रदर्शन करें और इसका उन्हें पुरस्कार मिले। इस ग्रेड में खिलाड़ी स्थायी नहीं होंगे और यदि आप अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो आप दूसरे ग्रेड में फिसल जाएंगे।’ ए प्लस में चुने गए विराट, रोहित, जसप्रीत बुमराह और शिखर धवन आईसीसी की टॉप 10 रैंकिंग में आते हैं। हालांकि भुवनेश्वर इस मापदंड को पूरा नहीं कर पाते हैं लेकिन वह भारतीय गेंदबाजी का मजबूत स्तम्भ बने हुए हैं। इस ग्रेड में शामिल खिलाड़ी खेल के तीनों फॉर्मेट में स्वाभाविक पसंद होंगे।