पाकिस्तान में किला हरिकृष्णगढ़ को पार्क में तबदील करने का विरोध

अमृतसर, 8 मार्च (सुरिन्द्र कोछड़) : पाकिस्तान के प्रदेश खैबर पख्तूनखवा की हज़ारा डिवीजन के शहर हरीपुर में मौजूद किला हरिकृष्णगढ़ में फैमली पार्क बनाने की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है, जिसको लेकर पाकिस्तान के इतिहास तथा विरासत प्रेमियों ने विरोध प्रकट करते यह मामला अदालत में लेकर जाने की चेतावनी दी है। प्राप्त जानकारी अनुसार किले की 19.2 कनाल भूमि पर फैमली पार्क बनाने हित किले की मज़बूत पुरातन दीवार के बाहरवार किले की सुरक्षा के लिए बनाई खाई सहित कुछ अन्य स्मारकों को ढहाए जाने की योजना बनाई गई है। इस सारे प्रोजैक्ट पर 3 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है, जिसको एक करोड़ रुपया जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही किले की 2300 स्क्वेयर मीटर भूमि हज़ारा यूनिवर्सिटी को अजायब-घर बनाने के लिए भी अलाट की जा चुकी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार अपने आखिरी सांसों तक पहुंच चुकी सिख राज्य की उक्त महत्त्वपूर्ण धरोहर शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के जरनैल स. हरी सिंह नलवा द्वारा बसाए हरीपुर शहर में मौजूद है। मौजूदा समय इस्लामाबाद से 65 किलोमीटर की दूरी पर आबाद हरीपुर शहर को स. नलवा ने सन् 1822 में हजारा की गवर्नरी समय बसाए तथा दुश्मन सेना पर खालसा सेना की पकड़ मजबूत करने के लिए उक्त किले का निर्माण करवाकर गुरु श्री हरिकृष्ण साहिब के नाम पर इसका नाम ‘किला हरिकृष्ण गढ़’ रखा। सिख राज्य की समाप्ति के बाद सन् 1849 से सन् 1853 तक ब्रिटिश शासन समय यह किला हजारा डिवीजन का हैड-क्वार्टर रहा तथा बाद में यह किला अंग्रेज़ी पुलिस तथा राजस्व विभाग द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा।बताया जा रहा है कि 35,420 स्क्वेयर मीटर में फैला किला हरिकृष्णगढ़ मौजूदा समय हरीपुर की ऐतिहासिक इमारतों में से प्रमुख होने के बावजूद पाकिस्तान पुरातत्व विभाग की देखरेख में इसकी भूमि पर धड़ाधड़ कब्ज़े किए जा रहे हैं। इसके दो खूबसूरत दरवाज़े हैं, जो सेवा-संभाल न किए जाने के कारण तीन-चार फुट तक धरती में धंस चुके हैं। शहर के वकील अमजद ज़मान खान के अनुसार किले में किसी भी तरह का निर्माण किया जाना तथा इसके पुराने ढांचे में तबदील किया जाना खैबर पख्तूनखवा पुरातत्व एक्ट, 2016 की धारा 18 की उल्लंघना है, जिसको लेकर वह अदालत में पटीशन दायर करके प्रदेश सरकार तथा संबंधित विभाग के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की अपील करेंगे।