चंडीगढ़ में विश्व पंजाबी कॉन्फ्रेंस का आगाज़ आज से

चंडीगढ़, 9 मार्च (अजायब सिंह औजला) : दो दिवसीय छठी वर्ल्ड पंजाबी कॉन्फ्रेंस जो कल से शहर में शुरू हो रही है, में दुनिया भर में फैले लाखों पंजाबियों की चिंताओं पर विचार किया जाएगा। कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह करेंगे। आज यहां पंजाब कला भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विश्व पंजाबी कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एचएस हंसपाल और पंजाब आर्ट्स काउंसिल के अध्यक्ष, पदमश्री डॉ. सुरजीत पात्तर ने कहा कि पंजाब अब क्रॉस रोड पर है। इसकी अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है, किसान जो इस राज्य की पीठ की हड्डी हैं, आत्महत्या के रास्ते पर हैं, विभिन्न कारणों से युवा पीढ़ी उदास है, शिक्षा प्रणाली कांप रही है और सुरक्षा भी सभी पंजाबियों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, यहां तक कि पंजाबी भाषा को शिक्षा, प्रशासन और इसके स्वयं के लोगों से उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। कॉन्फ्रेंस के दौरान विभिन्न विषयों पर विभिन्न विशेषज्ञ विचार विमर्श करेंगे। इन चर्चाओं का परिणाम विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के एक विशेष सत्र के समक्ष रखा जाएगा और उन्हें पंजाब और पंजाबी की समस्याओं को दूर करने के लिए अपने दलों के दृष्टिकोण की व्याख्या करने के लिए कहा जाएगा। हम आशा करते हैं कि यह सम्मेलन पंजाब के लिए अल्पावधि और दीर्घकालीन उपाय सुझा सकेगा। 
इस बीच सम्मेलन के दौरान जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से पांच प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को भी सम्मानित किया जाएगा उनमें शामिल हैं, डॉ. एस. एस. जौहल, राजकुमारी अनीता सिंह, जंग बहादुर गोयल, सुखी बाठ और इकबाल माहल। कनाडा, अमरीका, इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस, इटली और अन्य देशों के और भारत भर से प्रतिनिधि कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे। उद्घाटन सत्र के लिए धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. दीपक मनमोहन सिंह द्वारा दिया जाएगा। बाद में शाम को एनआरआई कवियों और शायरों द्वारा एक काव्यात्मक सिम्पोजियम का आयोजन किया जाएगा। इसका संचालन डॉ. सरबजीत कौर सोहल, अध्यक्ष, पंजाब साहित्य अकादमी द्वारा किया जाएगा। वर्ल्ड पंजाबी कॉन्फ्रेंस के महासचिव प्रो. रवैल सिंह ने कहा कि कॉन्फ्रेंस में विभिन्न विषयों पर 7 अलग अलग सत्र होंगे। पहला सत्र पंजाब और शिक्षा पर होगा। दूसरा सत्र अर्थव्यवस्था, किसान और आत्महत्याओं पर होगा। तीसरा सत्र ‘पंजाब सुरक्षा: स्थिति और चिंताएं’ पर होगा। कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन की शुरुआत चौथे सेशन से होगी जो कि पंजाबी भाषा पर होगा। पांचवां सेशन पंजाबी साहित्य एवं कला पर होगा। कॉन्फ्रेंस का छठा सत्र पंजाबी डायस्पोरा पर होगा। 7वें सत्र में राजनीतिक दृष्टिकोण पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।