आंगनवाड़ी वर्करों व हैल्परों द्वारा शिक्षा मंत्री की कोठी के समक्ष धरना

दीनानगर, 11 मार्च (यशपाल शर्मा, रविन्द्र सिंह सोढी) : आज हजारों आंगनवाड़ी वर्करों तथा हैल्परों ने शिक्षा मंत्री पंजाब अरूणा चौधरी की कोठी की गली के सामने बहिरामपुर लिंक रोड पर आल पंजाब आंगनवाड़ी मुलाजम यूनियन की प्रान्तीय अध्यक्ष हरगोविंद कौर की अध्यक्षता में सिरों पर काली चुनरियां ओढ़ कर तथा हाथों में काली झंडियां पकड़ कर रोष धरना दिया। इस रोष धरने के कारन बहिरामपुर लिंक सड़क से गुजरने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। प्रान्तीय अध्यक्ष हरगोविंद कौर ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा मन्त्री दोगली नीति अपना रही है तथा किए हुए समझौते से भाग रही है। उन्होंनें कहा कि शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर से करीब पांच लाख छोटे बच्चों को छीन करके सरकार ने प्राईमरी स्कूलों में दाखिल करवा कर प्री नर्सरी कक्षाएं शुरू करवा दीं। जत्थेबन्दी द्वारा इसका भारी विरोध किए जाने पर शिक्षा विभाग तथा समाजिक सुरक्षा स्त्री तथा बाल विकास विभाग के बीच 26 नवम्बर 2107 को एक समझौता हुआ था जिस अनुसार तीन से 6 साल तक के बच्चे आंगनवाड़ी सैंटरों में ही रहेंगे तथा शिक्षा विभाग के वालंटियर इन बच्चों को एक घंटा आकर आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ाया करेंगे परन्तु शिक्षा विभाग ने आज तक बच्चे वापिस नहीं किए जिस कारण वर्कर तथा हैल्पर बच्चों के बिना बैठी हैं। उन्होंने मांग की कि स्कूलों से बच्चे वापिस आंगनवाड़ी सैंटरों में भेजे जाएं। सरकार वर्करों तथा हैल्परों को हरियाणा पैट्रन पर मान भत्ता दे। आंगनवाड़ी सैंटरों में बच्चों के लिए राशन भेजा जाए। वर्करों तथा हैल्परों के लिए वर्दियों के पैसे तथा स्टेशनरी के सामान के पैसे भेजे जाएं। पिछले पन्द्राह महीनों का आगंनवाड़ी सैंटरों का बकाया जारी किया जाए, एन.जी .ओ अधीन चलते ब्लाकों को वापिस विभाग अधीन लाया जाए। उन्होंने आगे दोष लगाया कि 42 सालों से वर्करों तथा हैल्परों के साथ बेइन्साफी की जा रही है तथा उनको सरकारी मुलाजिमों का दर्जा नहीं दिया जा रहा है। इस अवसर पर पंजाब सरकार तथा शिक्षा मन्त्री के खिल़ाफ जम कर नारेबाजी भी की गई। इस अवसर पर पंजाब भर से आई आंगनवाड़ी वर्करों तथा हैल्परों ने बेरीकेट तोड़ कर शिक्षा मन्त्री की कोठी का घेराव करना चाहा परन्तु लेडीज पुलिस ने थोड़ी बहुत धक्कामुक्की के बाद इस पर काबू पा लिया और उनको बहिरामपुर रोड पर ही रोक लिया। कोई भी सरकारी अधिकारी इनका मांग पत्र लेने के लिये धरना स्थल पर नहीं पहुंचा। यह धरना तकरीबन 5 घंटे लगा रहा। जिस कारण बहिरामपुर रोड से गुजरने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अंत में सरकार को यह चेतावनी देते हुए रोष धरना समाप्त कर दिया गया कि यदि 31 मार्च तक हमारी मांगें न मानी गई तो पहली अप्रैल से शिक्षा मंत्री अरूणा चौघरी की कोठी के सामने मरण व्रत शुरू किया जाएगा। इस रोष धरने में जसवीर कौर दसूहा, छिंद्रपाल कौर भूंगा, सुनीता रानी पठानकोट, सुमन लता नरोट, सतवंत कौर भोगपुर, कुलमीत कौर बटाला, जसवीर कौर डेरा बाबा नानक, दविंद्र कौर कलानौर, बलविन्द्र कौर कादियां, गुरप्रीत कौर गुरदासपुर, दलजिन्द्र कौर, हरजीत कौर वेरका, सर्वजीत कौर अजनाला, परमजीत कौर चोगावां, जतिन्द्र कौर चोहला, वेअन्त कौर पट्टी, गुरप्रीत कौर तरनतारन, सुखविन्द्र कौर वलटोहा, रजवंत कौर भिक्खीविंड, कुलवंत कौर फतेहगढ़ चूड़ियां, सुनीता रानी बमियाल, मनजीत कौर सुलतानपुर लोधी, विमला देवी फगवाड़ा, आशा रानी दीनानगर तथा सुनीता लोहीया के इलावा हज़ारों की गिनती में आंगनवाड़ी वर्कर तथा हैल्पर मौजूद थीं।