इतिहास रच गईं शीतकालीन ओलम्पिक खेलें
शीतकालीन ओलम्पिक खेलों के इतिहास में गत दिनों पूर्ण हुई शीताकालीन ओलम्पिक खेले इतिहास रच गई हैं, क्योंकि यह आयोजन इन खेलों के इतिहास का सबसे बड़ा ओलम्पिक आयोजन बनता हुआ समाप्त हुआ है। इस बार के इन खेलों ने ओलम्पिक को नए खिलाड़ियों, देशों, मुकाबलों और तकनीकों के लिए खोल दिया। कोरिया के शहर पियोंगयांग में हुए शातीकालीन ओलम्पिक खेलों में नार्वे ने 14 स्वर्ण, 14 रजत और 11 कांस्य पदक जीतकर अपना पहला स्थान हासिल किया, जबकि 14 स्वर्ण पदक, 10 रजत और 7 कांस्य पदकों के साथ जर्मनी दूसरे स्थान पर रहा। कनाडा तीसरे और अमरीका चौथे स्थान पर रहा। मेजबान दक्षिण कोरिया 5 स्वर्ण सहित 17 पदक जीतकर सातवें स्थान पर रहा। इस दौरान इन खेलों ने सियासत की दुनिया के लोगों को भी एक ही मंच पर लाया क्योंकि समापन समारोह के मौके पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रम्प उत्तरी कोरिया के प्रतिबंधित जनरल किम योंग चोल के निकट बैठी थी, जबकि रूस के प्रतिनिधियों ने अपने देश का ध्वज पकड़ा हुआ था। उत्तरी और दक्षिण कोरिया के खिलाड़ियों के सुर भी आम तौर पर अलग-अलग ही होते हैं लेकिन इन खेलों के दौरान उत्तरी कोरिया के कुछ खिलाड़ियों ने कोरिया की साझ वाला चिन्ह पकड़ा हुआ था। इन खेलों के दौरान नोटिस करने वाली बात यह भी थी कि रूस के एथलीटों ने पुरुषों के हॉकी मुकाबले में जर्मनी को 4-3 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। इस हार के कारण दूसरे स्थान पर रहते जर्मनी को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। चैक गणराज्य को हरा कर कनाडा तीसरे स्थान पर रहा, जिसको कांस्य पदक मिला। रूस के सोची में कनाडा ने स्वर्ण पदक जीता था। दक्षिण कोरिया महिला करलिंग मुकाबले के दौरान स्वर्ण पदक जीतने से चूक गया और फाइनल में स्वीडन के हाथों हुई हार के कारण उनको रजत पदक के साथ ही संतोष करना पड़ा। कप्तान अन्ना हासेल-बोर्ड के शानदार प्रदर्शन से स्वीडन ने ‘गार्लिक गल्ज़र्’ के नाम से प्रसिद्ध मेजबान देश की टीम को हरा कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। स्वीडन की टीम में सारा मैक्मानुस, आगनेस नोचेन-हाइर, सोफिया मैब्गज़र् और मारिया प्रिटज शामिल थे, जो इस खेल में रिकार्ड दर रिकार्ड बनाने में प्रसिद्ध हैं। इसके बारे विशेष बात यह भी है कि पिछले चार वर्षों से फाइनल में पहुंच रही स्वीडन टीम का यह तीसरा ओलम्पिक स्वर्ण पदक हैं। इससे पहले टीम ने टियूरिन में 2006 और वैंकुवर में 2010 के दौरान स्वर्ण पदक जीता था, जबकि 2014 में हुए सोची ओलम्पिक खेलों में यह टीम दूसरे स्थान पर रही थी। शायद इन सब बातों के कारण ही इस बार के शीताकालीन ओलम्पिक खेल अब तक के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले शीताकालीन ओलम्पिक खेल बन गये। इन खेलों की इस सफलता का परिणाम है कि अब से ही आगामी शीतकालीन ओलम्पिक खेलों का इंतजार शुरू हो गया है, जिसके लिए कनाडा का नाम सबसे आगे चल रहा है।