लोकसभा में बिना चर्चा के वित्त विधेयक पारित

नई दिल्ली, 14 मार्च (भाषा, उपमा डागा पारथ) : संसद में आज लगातार आठवें दिन भी विभिन्न मुद्दों पर हंगामे को लेकर दोनों सदनों में गतिरोध कायम रहा और हंगामे के बीच ही लोकसभा में वित्त विधेयक और विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। हाल के वर्षो में संभवत: यह पहला मौका है जब पूरा बजट बिना चर्चा के लोकसभा में पारित हुआ हो। हंगामे के बीच वित्त एवं विनियोग विधेयक पारित किए जाने के विरोध में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राकांपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। गत सप्ताह सोमवार से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों को लेकर कांग्रेस, तेदेपा, तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक एवं द्रमुक सदस्यों के विरोध एवं हंगामे के कारण दोनों सदनों में गतिरोध कायम है। आज भी दोनों सदनों में प्रश्नकाल एवं शून्यकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा ने आज वित्त विधेयक और विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की अनुदान मांगों पर पर लाए गए विपक्ष के विभिन्न कटौती प्रस्तावों को ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया। साथ ही 21 सरकारी संशोधनों को पारित किया। अब वित्त और विनियोग विधेयक 2018 को राज्यसभा को भेजा जायेगा । चूंकि यह धन विधेयक है, ऐसे में राज्यसभा में इनके 14 दिन में मंजूर नहीं होने की स्थिति में भी इन्हें पारित माना जाएगा। उसके बाद इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेतली ने वित्त एवं विनियोग विधेयक 2018 पेश किया। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, पीएनबी धोखाधड़ी मामले समेत विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच सदन में वित्त एवं विनियोग विधेयक को पारित किया गया। सदस्यों के शोर शराबे के दौरान ही सदन ने 2017-18 के अनुदान की अनुपूरक मांगों के चौथे बैच और इससे संबंधित विनियोग विधेयक को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। वित्त एवं विनियोग विधेयक 2018 पारित होने के बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी।  उधर, राज्यसभा में भी गतिरोध कायम रहा। अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर उपसभापति पी जे कुरियन ने महासचिव को लोकसभा का संदेश पढ़ने को कहा। इसके साथ ही अन्नाद्रमुक, तेदेपा और तृणमूल सहित अन्य दलों के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने की मांग जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाज़ी शुरू कर दी। शोरशराबे के बीच ही महासचिव ने लोकसभा में वित्त विधेयक पारित किये जाने का संदेश पढ़ा। इसके बाद कुरियन ने सदन की बैठक गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।