सामाजिक बुराईयां समाप्त करने हेतु सोच में बदलाव की ज़रूरत : जयराम

शिमला, 14 मार्च (अ.स.) : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बुधवार को अपने सरकारी आवास ओक ओवर में महिला सुरक्षा पर लघु पुस्तिका का विमोचन किया। शिमला ज़िला प्रशासन द्वारा तैयार की गई इस पुस्तिका में सामान्यत: महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों का विवरण, अपराध घटित होने पर महिला द्वारा की जाने वाली आवश्यक कार्रवाई, पीड़ित महिला को प्राप्त अधिकार व सुविधाएं, आत्मसुरक्षा के उपाया व कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए आवश्यक दूरभाष नंबर तथा ऐप इत्यादि की सूचना का समावेश किया गया है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शहर के विभिन्न सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों की छात्राओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में व्यापत बुराईयों को दूर करने के लिए जागरूकता के साथ-साथ सोच में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज हम प्रत्येक क्षेत्र में विकास की नई-नई उंचाईयों को हासिल कर रहे हैं, लेकिन यह चिंताजनक है कि प्रतिदिन कहीं न कहीं कोई न कोई अपराधिक घटना भी सामने आ जाती है। विकास के साथ चुनौतियां एक सख्य समाज के निर्माण में बाधा हैं। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं समाज के प्रत्येक क्षेत्र में ऊंचे से ऊंचे मुकाम तक पहुंच चुकी हैं और इसके बावजूद महिलाओं के प्रति आपराधिक घटनाएं होना व्यक्ति की विक्षिप्त मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं सक्षम हैं और विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें जागरूक होना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने गुड़िया प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि हिमाचल जैसे शांतिप्रिय राज्य में इस प्रकार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इस घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया था। यह एक ऐसी घटना थी, जिसकी चर्चा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई और गुड़िया के लिये न्याय का आज भी इंतज़ार है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोपरी समझते हुए गुडिया हैल्पलाईन-1515 तथा शक्ति बटन ऐप की शुरूआत करने जैसे अनेक प्रभावी कदम उठाए। उन्हांने कहा कि गुड़िया हैल्पलाईन के माध्यम से एक माह के भीतर सरकार को 200 से अधिक शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं और उन पर आवश्यक कारवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार गंभीर है और इस दिशा में कार्य कर रही हैं, ताकि महिलाओं के साथ इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में तीन और महिला थाने खोले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य, विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में नशीले पदार्थों की तस्करी एवं प्रयोग पर चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि यह एक गंभीर समस्या है और इससे निपटने के लिए कड़ी सतर्कता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के आस-पास नियमित निगरानी की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने पुस्तिका के प्रकाशन के लिए ज़िला प्रशासन की सराहना की। मुख्य सचिव मनीषा नंदा, मुख्यमंत्री के ओएसडी शिशु धर्मा, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क अनुपम कश्यप, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा मनमोहन शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
ब्रेल लिपि में भी तैयार की है पुस्तिका
महिला सुरक्षा हस्त पुस्तिका दृष्टिबाधित कन्याओं के लिए ब्रेल लिपि में भी तैयार की गई है, ताकि वह भी इसका लाभ उठा सके तथा अपने अधिकारों को जान सकें। शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि पुस्तिका को हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित किया गया है और इसके अलावा दृष्टिबाधित कन्याओं के लिए ब्रेल लिपि में भी तैयार की गई है। पुस्तिका की 1000 प्रतियां ज़िला के सभी कन्या विद्यालयों, 9वीं से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाली छात्राओं, कामकाजी महिलाओं व कॉलेज तथा विश्वविद्यालयों में भी वितरित किया जाएगा। इस संबंध में प्रेस व मीडिया से सुझाव देने का भी आग्रह किया गया है, ताकि आगामी संस्करण में सम्मिलित किया जा सके। 
ज़िला प्रशासन शिमला महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील : ज़िला प्रशासन शिमला महिलाओं की सुरक्षा के प्रति अत्यंत संवेदनशील है। महिलाओं के विरुद्ध अपराध चिंता का विषय है। विशेषत: हाल ही में ज़िला में हुए गुड़िया हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन द्वारा महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी व सुझाव एक लघु पुस्तिका के माध्यम से बालिकाओं व महिलाओं तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।