भारत की जीएसटी दुनिया में सबसे जटिल टैक्स प्रणाली : वर्ल्ड बैंक



नई दिल्ली, 16 मार्च (इंट) : माल एवं सेवा कर जीएसटी को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटी मोदी सरकार के लिए एक और बुरी खबर आई है। वैश्विक वित्तीय संस्था विश्व बैंक ने भारत में लागू इस नई प्रणाणी को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। विश्व बैंक ने इसे काफी जटिल बताया है। इसके साथ ही कहा है कि भारत में लागू टैक्स स्लैब 115 देशों में दूसरा सबसे ज्यादा है। विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है इसमें उसने उन देशों के टैक्स रेट और स्लैब की तुलना की है, जहां जीएसटी लागू है। इस रिपोर्ट में कुल 115 ऐसे देश शामिल किए गए हैं। बता दें मोदी सरकार ने 1 जुलाई से जीएसटी लागू किया था। भारत में लागू जीएसटी में 5 टैक्स स्लैब हैं। इसमें 0, 5, 12, 18 और 28 फीसदी है। भारत में जहां 5 टैक्स स्लैब हैं। वहीं, दुनियाभर के 49 देशों में एक ही जीएसटी रेट है। रिपोर्ट के अनुसार 28 देशों में 2 टैक्स स्लैब इस्तेमाल किए जाते हैं। वहीं, भारत सहित 5 ऐसे देश हैं, जहां 4 टैक्स स्लैब प्रभावी हैं। 4 और इससे ज्यादा जीएसटी टैक्स स्लैब लागू करने वाले देशों में इटली, लग्जमबर्ग, पाकिस्तान और घाना है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने जीएसटी टैक्स स्लैब को 5 से घटाकर 2 ही स्लैब रखने का सुझाव दिया है।
उन्होंने संकेत दिया था कि जीएसटी टैक्स स्लैब्स को 12 फीसदी और 18 फीसदी ही रखा जा सकता है। विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी लागू होने के शुरुआती दिनों में काफी दिक्कतें पेश आई थीं। विश्व बैंक ने जीएसटी बाद रिफंड की रफ्तार धीमी होने को लेकर भी चिंता जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिफंड फंसने से इसका सीधा असर कारोबारियों की पूंजी पर पड़ता है।
 इसकी वजह से उनका कारोबार प्रभाबित होता है। रिपोर्ट में टैक्स स्लैब की संख्या कम करने और जीएसटी प्रक्रिया को आसान व सरल बनाने का सुझाव दिया गया है।