सरहद पर जल्द ही मोर्चा संभालेंगे रोबोट सिपाही

कागजी तौर पर रोबोट सैनिक का प्रस्ताव बहुत शानदार मालूम होता है। जो लोग युद्ध की विभीषिका और रक्तपात में जनहानि के विरुद्ध हैं उन्हें भी लगता है कि यह बेहतर विकल्प है। वैज्ञानिकों के अनुसार भी रोबो सोल्जर्स मानवीय सैनिकों से ज्यादा कुशल और दक्ष होंगे इसलिये इनका प्रदर्शन और मारक क्षमता भी बेहतर होगी। ये शत प्रतिशत अनुशासित होंगे। सीमा की चौकसी, निगरानी और खुफिया जानकारी तथा सामान्य सूचनाएं जुटाने में अथवा लड़ाई के समय रसद, हथियार आपूर्ति अथवा सूचना संपर्क कायम रखने में ये मानवीय सैनिकों से कई गुना बेहतर काम कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर एक रोबोट सैनिक अगर अपने छिपे दुश्मन को छिपे देख लेता है तो 10 मील दूर उसके साथी तक उसकी खबर बिन बताये अगले ही सेकेंड में पहुंच जायेगी जबकि सामान्य सैनिक को उसकी स्थिति और अन्य विवरण संबंधी सूचना देने में कुछ मिनट लग सकते हैं।सारी खूबियों के बावजूद सामान्य सैनिक की कुशलता, उसकी भावना, देश भक्ति, समयोचित निर्णय लेने की क्षमता, अनुभव के आधार पर फैसले, गैर युद्धक दशाओं में उसकी मानवीयता का प्रदर्शन तथा दूसरी कई खूबियां उसे रोबो सैनिक से हमेशा श्रेष्ठ बनाये रखेंगी। उदाहरण के लिये सामान्य मानवीय सैनिक किसी भी नागरिक या गैर सैनिक के हावभाव को देखकर उस पर हमला करना है या नहीं फैसला कर सकता है। वह मात्र वेषभूषा के आधार पर ही किसी को उग्रवादी या आतंकी मान उसे गोली नहीं मार देगा। मानवीय सैनिक अगर किसी अशांत क्षेत्र में तैनात है तो उसे उपद्रवियों और आतंकियों की मानवीय समझ होगी। युद्ध के मैदान में भी वह निर्देशों के बिटविन द लाइंस को जिस तरह समझ सकेगा, वह रोबो सोल्जर की समझ से बाहर होगा। एक सैनिक के देश प्रेम और राष्ट्रभक्ति की भावना तथा सम्यक ज्ञान और विवेक तथा प्रतिबद्धता एवं विश्वसनीयता की बराबरी रोबो सैनिक कभी नहीं कर सकता है चाहे उसे कितना भी उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रदान कर दी जाये। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उसका मशीनी होना इस खतरे को भी बढ़ाता है कि उसको हैक कर खुद उसके पक्ष या सेना के विरुद्ध किया जा सकता है, यदि एक भी रोबो सोल्जर या किसी एक रोबो सैनिक समूह को हैक किया जा सका जो बहुत कठिन नहीं है तो पूरे सैन्य रणनीति की बाजी पलट सकती है। अगर एक भी कोड दुश्मन के हाथ लग गया और उसके जरिये कुछ रोबो सैनिक अपने साथी से धोखा कर जाये, विद्रोह कर दे तो यह कितना घातक होगा, यह आसानी से समझा जा सकता है।
बेशक, रोबोट सोल्जर का कोई घर परिवार नहीं होगा। उसके पास कोई अन्य भावना, बोझ, बीमारी और ज़िम्मेदारी नहीं होगी, उसको छुट्टी की आवश्यकता नहीं होगी, उसकी और भी तमाम देख-रेख से आजादी रहेगी, घायल होने पर उसे उस तरह सेवा सुरक्षा की आवश्यकता नहीं पड़ेगी जैसी सामान्य तौर पर किसी सैनिक के लिये होती है। रोबोट सैनिक फायरिंग या इस तरह के दूसरे कौशल के लिये सर्वोत्तम विकल्प होंगे। उन्हें मानवीय सैनिकों का खून बहाने से बचाने के लिये अग्रिम मोर्चों पर भी सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा सकता है। पर इन सबके बावजूद रोबोट सैनिक सामान्य सैनिकों के साथ एक सहायक के तौर पर ही काम कर सकते हैं, उन्हें पूरी तरह से एक सैनिक की जिम्मेदारी देना घातक हो सकता है।