क्या बिटकॉइन से होने वाले मुनाफे पर इन्कम टैक्स लग सकता है

नई दिल्ली, 18 मार्च (एजेंसी): बिटकॉइन, इथेरियम, रिपल और डैश जैसी वर्चुअल करंसी या क्रिप्टोकरंसीज, अभी हाल ही में फाइनैंशल मार्किट में काफी सुर्खियों में रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, बिटकॉइन ने पिछले एक साल में 892 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। लेकिन ऐसा क्यों है कि कोई नहीं जानता कि यह कहां से शुरू हुआ और इसकी इतनी डिमांड क्यों है। इसका एक कारण तो यह है कि बिटकॉइन ट्रेडिंग करने वाले लोगों की पहचान का कभी खुलासा नहीं होता है क्योंकि सिर्फ उनका सिर्फ वॉलिट आईडी लॉगइन होता है। इसलिए बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने वालों की खरीदारी ट्रैक नहीं होती है और वे बेतहाशा रिटर्न कमाने में सक्षम हैं। इस तरह का एक प्लैटफॉर्म, जिसका कोई रेग्युलेशन नहीं है या कोई फुटप्रिंट नहीं है, वह अस्थिर हो सकता है। भारत सहित दुनियाभर के कई देशों ने बिटकॉइन या अन्य वर्चुअल करंसीज़ को अभी तक कानूनी मान्यता नहीं दी है। अमरीका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन के इस्तेमाल का समर्थन किया है। इसकी कानूनी स्थिति के बावजूद, लोग अभी भी इनमें निवेश कर रहे हैं क्योंकि उनसे मिलने वाला रिटर्न, दूसरे तरीकों के मुकाबले काफी अधिक है। भारत में वर्चुअल करंसी देश में क्रिप्टोकरंसीज के बारे में काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने इस साल अपने 1 फरवरी के बजट भाषण में कहा कि क्रिप्टोकरंसीज़, वैध मुद्रा नहीं हैं। उन्होंने एक ही बात को कई बार दोहराते हुए कहा कि रिज़र्व बैंक भी कई बार इस पर अपनी राय व्यक्त कर चुका है। वित्त मंत्री की तरफ से अभी तक यह बात साफ  नहीं की गई है कि अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करते समय क्रिप्टोकरंसीज़ पर टैक्स लगेगा या नहीं। उन्होंने इस सम्बन्ध में अभी तक कोई ठोस बयान भी नहीं दिया है कि वर्चुअल करंसीज़ से होने वाले प्रॉफिट या लॉस के साथ क्या किया जाएगा। इसलिए, इन्कम टैक्स रिटर्न के लिए क्रिप्टोकरंसीज़ को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं।