लोगों की जान को खतरा बन रहे है आवारा कुत्ते

अमृतसर, 17 मार्च (सुरिन्द्र कोछड़) : पंजाब में आवारा कुत्तों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ रही है कि हर नए दिन कुत्तों के काटने के साथ गंभीर रूप से घायल होने या लोगों के मारे जाने के मामले सामने आ रहे हैं। लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रहे इस चिंताजनक मामले को लेकर प्रदेश सरकार के आदेशों अनुसार विभिन्न शहरों की नगर निगमों ने आवारा कुत्तों की नसबंदी करने की योजना बनाई है, जिसके चलते आवारा कुत्तों की बढ़ रही जनसंख्या में तो चाहे सुधार हो जाए परन्तु सरकार की इस कार्रवाई से कुत्तों के खौफ तथा इन द्वारा राह चलते लोगों को काटने की घटनाओं में कोई फर्क पड़ना असंभव है।प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में प्रतिदिन कुत्तों द्वारा लगभग 50 लोगों को काटा जा रहा है तथा घायलों तथा मृतकों की बड़ी संख्या छोटी उम्र के बच्चों की रहती है। वर्ष 2017 में पशु गणना की कार्रवाई मुकम्मल नहीं हुई, परन्तु एक अनुमान के अनुसार मौजूदा समय प्रदेश में आवारा कुत्तों की संख्या 5 लाख से अधिक हो चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में वर्तमान समय आवारा कुत्तों की संख्या 3 करोड़ के लगभग है तथा हर वर्ष रैबीज़ के साथ देश में 20 हज़ार से अधिक लोगों की मौत होती है। पिछले तीन सालों में कुत्तों के काटनेके मामलों में तीन गुणा वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश का स्थानीय सरकारों तथा ग्रामीण विकास विभाग कुत्तों की संख्या कंट्रोल करने में नाकाम रहा है। पिछले वर्ष प्रदेश सरकार द्वारा उक्त विभाग को आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए समयबद्ध एक्शन प्लान बनाने के लिए कहा गया था परन्तु उसके परिणाम शून्य रहे हैं। चाहे कि सरकार तथा प्रशासन द्वारा आवारा कुत्तों के हमलों पर काबू डालने या लोगों में उनका खौफ खत्म करने के लिए कोई उचित कार्रवाई नहीं की जा रही, परन्तु घरों दुकानों के आस-पास झुंड बनाकर चलते कुत्तों से छुटकारा पाने के लिए घरों, दुकानों के बाहर तथा गलियों, बाज़ारों के चौराहों में पंजाब के विभिन्न शहरों-गांवों में नीली बोतलें लटकतीं अक्सर दिखाई दे रही हैं। इन बोतलों में कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नील में पानी डालकर रखा गया है। लोगों का इस बारे तर्क है कि इस नीली बोतल के साथ कुत्ते घरों के बाहर गंद नहीं डालते तथा घरों से दूर रहते हैं। जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि नीले रंग से कुत्ते बिल्कुल नहीं डरते। उधर इसके अतिरिक्त कहीं-कहीं कुत्तों से बचाव के लिए घरों के बाहर हुक्के का तंबाकू वाला पानी या फिर कपूर तथा लाल मिर्च पाऊडर भी फैंका जा रहा है ताकि उनको सूंघ कर कुत्ते वहां आना छोड़ दें।