‘आप’ के 10 विधायकों ने केजरीवाल के माफीनामे पर लगाई मोहर

जालन्धर, 18 मार्च :  आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी व दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मुनीष सिसोदिया के दिल्ली स्थित आवास पर बुलाई पंजाब विधायकों की बैठक में उपस्थित 10 विधायकों ने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से मांगी माफी पर मुहर लगा दी और केजरीवाल के माफीनामे को मौजूदा हालात में उठाया सही कदम करार दिया है। मिली जानकारी के अनुसार पंजाब विधायक दल के 20 सदस्यों में से सारा ज़ोर लगाने के बावजूद 10 विधायक ही बैठक में शामिल हुए। विधायकों के साथ बैठक में सिसोदिया के साथ पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल खुद मौजूद थे। पता चला है कि केजरीवाल ने खुद पूरे हालात पर रोशनी डालते हुए कहा कि उनके ऊपर मानहानि के 33 केस देश के विभिन्न हिस्सों में चलते थे। पंजाब सरकार नशों की तस्करी के मामले में सहयोग की बजाय तथ्य छुपा रही थी। अदालती केसों से पार्टी व दिल्ली सरकार का काम चलाने में बड़ी मुश्किल उत्पन्न हो रही थी। पता चला है कि केजरीवाल ने कहा कि मुझे यह अंदाज़ा ही नहीं था कि मेरे माफी मांगने से राजनीतिक तूफान उत्पन्न हो जाएगा। इसी अहसास के कारण मैंने पंजाब के नेताओं के साथ बात करनी ज़रूरी नहीं समझी। पता चला है कि बैठक में गए विधायक तो पहले ही माफीनामे पर मुहर लगाने के लिए उतावले थे। हैरानी की बात यह है कि केजरीवाल की सफाई पर किसी भी विधायक ने उंगली नहीं उठाई। सभी ने एक आवाज़ में संतुष्टि जाहिर कर दी। पता चला है कि केजरीवाल ने यह भी सूचना दी कि अदालती झमेलों से छुटकारा पाने के लिए वह आगामी दिनों में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली सहित अन्य नेताओं से भी लिखित माफी मांगेंगे। कुछ विधायकों ने नेताओं द्वारा दिए त्यागपत्र स्वीकार न करने पर मौजूदा हालात में हुए शोर-शराबे के लिए किसी भी नेता विरुद्ध कोई कार्रवाई न किए जाने की मांग भी तुरंत स्वीकार कर ली गई। केजरीवाल ने खुद कहा कि किसी भी नेता का कोई त्यागपत्र स्वीकार नहीं, वह अपने पदों पर काम करते रहेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि किसी भी नेता के प्रति किसी भी प्रकार की रंजिश या शिकवा नहीं रखा जाएगा। बैठक में ‘आप’ के 10 विधायकों में अमन अरोड़ा, बीबी बलजिंदर कौर, कुलतार सिंह संधवां, अमरजीत सिंह संदोहा, रुपिंदर कौर रूबी, मनजीत सिंह बिलासपुर, बुध राम बुढलाडा, हरपाल सिंह चीमा, जयकिशन रोड़ी व सर्बजीत कौर माणूके शामिल थे। उल्लेखनीय है कि माफीनामे के सामने आने पर 16 मार्च को पार्टी विधायक दल के 20 में से उपस्थित 18 सदस्यों ने कड़ा विरोध जताते हुए माफीनामे को रद्द कर दिया था और पंजाब यूनिट को स्वायत्तता ही नहीं बल्कि अलग करने की भी आवाज़ें उठी थीं। ‘आप’ की सहयोगी लोक इन्साफ पार्टी ने माफीनामे से ़खफा होकर गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था। इसी दिन विधायक दल के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने ऐलान किया था कि कोई भी पार्टी विधायक सिसोदिया द्वारा बुलाई बैठक में दिल्ली नहीं जाएगा। उन्होंने कहा था कि जिस किसी ने बैठक करनी है, वह चंडीगढ़ आए। प्रतीत होता है कि पार्टी के ही 10 विधायकों द्वारा केजरीवाल के त्यागपत्र पर मुहर लगाए जाने से पार्टी के भीतर वाला संकट और गहरा हो गया है। पता चला है कि माफीनामे से ़खफा होकर पंजाब अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने वाले भगवंत मान व उपाध्यक्ष अमन अरोड़ा खुद विधायकों को बैठक में जाने के लिए प्रेरित करते रहे। अरोड़ा तो खुद बैठक में शामिल थे जबकि भगवंत मान बैठक समय वहां मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि माफीनामे पर गर्माई सियासत में पार्टी विधायकों ने पंजाब ईकाई को स्वायत्तता का मुद्दा भी उठाया था परंतु इस मुद्दे पर पता चला है कि किसी भी विधायक ने सवाल नहीं उठाया।
फूलका हुए गुटों से निष्पक्ष : ‘आप’ के पक्ष में माने जाते सुप्रीम कोर्ट के वकील  एच.एस.फूलका का कहना है कि वह किसी भी ग्रुप की बैठक में शामिल नहीं होंगे। फोन पर बातचीत करते हुए स. फूलका ने कहा कि मैं तो दंगा पीड़ितों के लिए केस लड़ रहा हूं और पिछले 7-8 महीने से किसी भी बैठक में नहीं गया। उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ रहते पंजाब यूनिट को स्वायत्तता दिए जाने के बारे मैंने अपने विचार बता दिए हैं। इसके बाद मेरी कोई भूमिका नहीं।