औषधि का कार्य भी करते हैं मसाले


मसालों के बिना किसी भी व्यंजन की कल्पना नहीं की जा सकती। किसी भी व्यंजन को स्वादिष्ट बनाने में मसालों की अहम भूमिका होती है। शुरू से ही मसालों का प्रयोग स्वाद के लिए किया जाता रहा है लेकिन अब मसालों का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाने लगा है।
काली मिर्च, हल्दी, धनिया, जीरा, सौंफ, इलायची, दालचीनी, लहसुन, अदरक इत्यादि कई मसाले हैं जिनका उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। मसालों से जटिल रोगों का भी इलाज संभव है। मसाले प्राय: सभी घरों में पाए जाते हैं और आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं, अत: इनका प्रयोग औषधि के रूप में बेहिचक किया जा सकता है।
स्मरण शक्ति: यदि स्मरण शक्ति कमजोर हो तो दो या एक कली लहसुन चबाकर खाने के बाद 1 गिलास दूध पियें, लाभ होगा।
रतौंधी: रतौंधी होने पर दोनों वक्त भोजन के बाद नियमित रूप से पांच ग्राम सौंफ का चूर्ण जल के साथ लें।
निमोनिया: निमोनिया के रोगी को तुलसी के हरे पत्ते के साथ काली मिर्च पीसकर पानी में मिलाकर पिलायें। फायदा अवश्य होगा।
खूनी बवासीर: इसके रोगी को साबुत धनिया में मिश्री मिलाकर, उबालकर फिर छानकर पिलायें। यह उपचार दो महीने तक करें।
अतिसार: अदरक का रस रोगी की नाभि पर लगायें। इस उपचार से दुसाध्य अतिसार भी दूर होता है।
खांसी: खांसी होने पर काली मिर्च का चूर्ण शुद्ध शहद में मिलाकर चाटने से लाभ होता है। यह उपचार पुरानी खांसी में भी लाभकारी है।
इस तरह से हम अनेक रोगों का इलाज मसालों द्वारा आसानी से कर सकते हैं। मसाले केवल स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि औषधि के रूप में भी उपयोगी हैं। अत: आप भी इलाज के लिए मसालों का प्रयोग कर अपने स्वास्थ्य की रक्षा कीजिए। (स्वास्थ्य दर्पण)   अन्नु कुमारी सिंह