ढड्डा गांव में बलवंत राय के घर में छाया मातम


जालन्धर छावनी, 20 मार्च (पवन खरबन्दा) : ईराक के मोसूल से लापता हुए 30 भारतीयों की मृत्यु सम्बन्धी आज संसद में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा दी गई जानकारी के बाद आज उन परिवारों की उम्मीद पूरी तरह टूट गई, जो कि 2014 से ईराक गए हुए अपने करीबी रिश्तेदारों का इन्तज़ार कर रहे थे। इस तरह का ही एक परिवार जालन्धर के हलका आदमपुर के अधीन आते गांव ढड्डा में भी रहता है, जिनको उनके परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना मीडिया द्वारा मिलने उपरान्त उनकी सभी उम्मीदें टूट गई व उनका पूरा परिवार सदमे में है व उनका रो-रो कर बुरा हाल है। गांव ढड्डा में रहने वाले राकेश कुमार ने बताया कि उनके पिता बलवंत राय (54) 2011 में कार्य के सिलसिले में एक कम्पनी द्वारा ईराक गए थे, जिसके बाद उनकी अक्सर ही बात होती रहती थी परन्तु वहां माहौल खराब हो जाने के बाद उनके पिता बलवंत राय की 15 जून 2014 को उनके साथ अन्तिम बार बात हुई थी व उसके बाद वह उनके सम्पर्क में नहीं आ सके। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी वह कई बार केन्द्रीय विदेश मंत्री से भी मिल चुके थे परन्तु परन्तु उनको हौंसले के अतिरिक्त कुछ भी नहीं मिला था। राकेश कुमार ने बताया कि वे तीन बहन-भाई हैं व उनकी बहन का विवाह हो चुका है।