मेरे सामने हुई थी सभी की हत्या : हरजीत मसीह


चंडीगढ़, 20 मार्च ( भाषा) : इराक में 39 भारतीयों के साथ अगवा किए जाने के बाद जून 2014 में आईएस के चंगुल से भागने में कामयाब इकलौते व्यक्ति हरजीत मसीह ने सरकार से उसके खिलाफ दर्ज मानव तस्करी के एक मामले  को वापस लेने की मांग की है। सुषमा स्वराज के आज बयान के बाद 29 वर्षीय मसीह ने कहा कि वह पिछले तीन साल से यह बात कह रहे थे कि सभी अन्य मारे जा चुके हैं। मसीह ने आज कहा, ‘‘मैं पिछले तीन वर्षों से कहता रहा हूं कि आईएस के आतंकवादियों ने सभी 39 भारतीयों की हत्या कर दी है।’’ पंजाब में गुरदासपुर ज़िले के काला अफगाना गांव के निवासी मसीह ने कहा, ‘‘मैंने सच बोला था।’’ मसीह उन 40 भारतीय कामगारों में शामिल था जिन्हें आतंकवादी संगठन आईएस ने 2014 में अगवा किया था। इनमें से केवल मसीह भागने में कामयाब रहा और उसने दावा किया है कि उसकी आंखों के सामने सभी को मार दिया गया। सरकार ने हालांकि उसके दावों को खारिज कर दिया था। मसीह ने सरकार से बटाला में उसके खिलाफ दर्ज मानव तस्करी के एक मामले को वापस लेने की गुहार लगाई है। उसने मामले को ‘अनुचित’  बताया है। उसने कहा, ‘‘पुलिस ने मेरे खिलाफ एक अनुचित मामला दर्ज कराया था। मैं 6 माह तक जेल में रहा और अब ज़मानत पर हूं।’’ मसीह ने सरकार से नौकरी देने की भी मांग की है। उसने मीडिया को बताया कि सरकार ने किसी को भी इस बारे में  बताने से मना किया था कि उनकी (अन्य भारतीयों की)  मौत हो चुकी है।