हथियारों के अवैध व्यापार को रोकने के लिए मज़बूत बने संयुक्त राष्ट्र : भारत

संयुक्त राष्ट्र, 21 मार्च (भाषा) : छोटे हथियारों, हल्के शस्त्रों और विस्फोटकों के सीमा पार से होने वाले अवैध व्यापार पर नियंत्रण के लिए भारत ने संयुक्त राष्ट्र की संस्था को मजबूत बनाने की वकालत की है।  विदेश मंत्रालय में अवर सचिव निधि तिवारी ने कल यहां कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के ‘प्रिवेंट, कॉम्बैट एंड इरैडिकेट द इलिसिट ट्रेड इन स्मॉल आर्म्स एंड लाइट वेपन्स इन ऑल इट््स आस्पेक्ट््स (पीओए)’ कार्यक्रम को बहुत महत्व देता है। भरत पीओए को छोटे हथियारों और हल्के शस्त्रों (एसएएलडब्ल्यू) के अवैध व्यापार को रोकने, उसके खिलाफ लड़ने और उसे खत्म करने के बहुआयामी प्रयासों की नींव मानता है।  पीओए कार्यक्रम पर तैयारियों से जुड़ी एक समिति को संबोधित करते हुए निधि ने कहा कि आतंकवाद, संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और पायरेसी से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है जिसमें एसएएलडब्ल्यू के अवैध व्यापार की सबसे बड़ी भूमिका है।  उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में पीओए का पूर्णता से और प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन भारत की प्राथमिकता है, खास तौर से आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध से लड़ने के माध्यम के रूप में।’’  उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि 2001 में पीओए को स्वीकार किये जाने के बाद उसे लागू करने की दिशा में प्रगति हुई है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। निधि ने कहा कि कई पड़ोसियों के साथभारत लंबी सीमाएं साझा करता है, ऐसे में सीमा प्रबंधन भारत के लिए हमेशा बड़ी चुनौती रहता है।