उद्यमियों को मिल रही है 9.77 से 12 रुपए प्रति यूनिट बिजली

लुधियाना, 21 मार्च (जुगिंद्र अरोड़ा) : पंजाब इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोर्म के एक शिष्टमंडल की ओर से पंजाब राज्य ऊर्जा निगम की केंद्रीय जोन के चीफ इंजीनियर परमजीत सिंह के साथ बैठक की और उन्हें उद्यमियों को 5 रुपये प्रति यूनिट की बजाए 9.77 से 12 रुपये प्रति यूनिट बिजली सप्लाई देने का बिजली बिल दिखाते हुए कहा कि सरकार ने उद्यमियों को मूर्ख बनाया है। उद्यमियों ने ऐलान किया कि वह जल्द ही पंजाब इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोर्म अपने संबोधन में इंद्रजीत सिंह नवयुग, बदीश जिंदल व कुलवंत सिंह एन.के.एच. ने कहा कि पंजाब राज्य बिजली निगम की ओर से 5 रुपये प्रति यूनिट की बजाए 9.77 से 12 रुपये प्रति यूनिट बिजली सप्लाई दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में अकाली-भाजपा गठबंधन के राज से 10 प्रतिशत बिजली अधिक महंगी हो गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब में इस समय 80 हजार स्माल पावर कुनैक्शन हैं, जो पंजाब के कुल औद्योगिक कुनैक्शनों का 70 प्रतिशत हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से उद्यमियों को 4.99 पैसे प्रति यूनिट बिजली देने का दावा किया जा रहा है, लेकिन असल में उन्हें टू पार्ट्स प्रणाली व अन्य करों सहित बिजली 8 रुपये प्रति यूनिट पड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिजली के कर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत कर दिये हैं जिससे बिजली की कीमत 30 पैसे प्रति यूनिट बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने उद्यमियों को सस्ती बिजली देने के नाम पर मूर्ख बनाया है और सरकार द्वारा उद्यमियों को किसे भी किस्म की राहत न देने से पंजाब के उद्योग मंदहाली के दौर में से गुजर रहे हैं जिनका पार उतारा करने की बजाए उन्हें दरकिनारा किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली की कीमतों में वृद्धि के लिए पिछली सरकार की ओर से किये बिजली समझौतों को कसूरवार ठहराया जा रहा है लेकिन सरकार ने सभी समझौतों पर पुन: विचार करने की बात को भी पूरा नहीं किया। इसके अलावा पंजाब की कांग्रेस सरकार की घटिया बिजली नीति कारण पंजाब की औद्योगिक राजधानी लुधियाना के 100 कारखानों के प्रबंधकों ने अपना बिजली का लोड कम किया है और 31 मार्च तक लोड कम वाले उद्योगों का आंकड़ा 10 गुणा बढ़कर 1 हजार के निकट पहुंचने की उम्मीद है।