यूं जन्मा क्रिकेट विश्व कप

विश्व कप क्रिकेट के आयोजन का विचार आखिर सबसे पहले उठा कहां से? 1963 में ही इंग्लैंड में एक दिवसीय मैचों की लोकप्रियता बढ़ने लगी। इन मैचों में दर्शक भी भरपूर आते थे और आयोजकों को आय भी अच्छी-खासी हो जाती थी।हालांकि, एक दिवसीय मैचों की लोकप्रियता बढ़ रही थी लेकिन पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अधिकृत मैच संयोगवश ही पैदा हो गया। हुआ यूं कि 1971 में मेलबॉर्न में आस्ट्रेलिया व इंग्लैंड के बीच तीसरा टैस्ट मैच चल रहा था। मैच शुरू हुआ और साथ ही मौसम भी बिगड़ गया। वर्षा शुरू हुई। मैच में खेल पहले दिन, दूसरे दिन और फिर तीसरे दिन नहीं हुआ। इससे आयोजक परेशानी में पड़ गये क्योंकि दर्शक तो मैच देखना चाहते थे। अंत में सोचा यही गया कि दोनों टीमों को 40-40 ओवर का मैच खिला दिया जाए। यह प्रस्ताव दोनों टीमों ने मान लिया। 46 हज़ार दर्शकों की मौजूदगी में इस तरह शुरू हुआ पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच, और यह मैच जीता आस्ट्रेलिया ने। बस फिर क्या था। एक दिवसीय मैचों को ऐसा समर्थन मिलना शुरू हुआ कि पूछो मत। 1972 में प्रूडेन्शियल ट्रॉफी शुरू हुई और यह ट्रॉफी इंग्लैंड व आस्ट्रेलिया के बीच तीन एकदिवसीय मैचों के लिए रखी गई। 55 ओवर के मैचों में इंग्लैंड गई आस्ट्रेलिया टीम तीन मैच जीत गई। ट्रॉफी भी मिली और 5000 पौंड भी।
सिलसिला शुरू हो चुका था। न्यूज़ीलैंड व वेस्टइंडीज भी एक दिवसीय मैचों की शृंखला से जुड़े। फिर 1975 में 60-60 ओवर के मैचों के साथ शुरू हुआ विश्व कप जिसमें छह टीमों ने हिस्सा  लिया। इनके अलावा टैस्ट से असम्बद्ध दो टीमों को भी इस विश्व कप से जोड़ा गया। इस तरह जन्म लिया विश्व कप क्रिकेट ने। एक अनूठा-अजूबा आयोजन जो अब दुनिया भर में चर्चित व रोमांचकारी बन चुका है।
— धर्मपाल डोगरा ‘मिंटू’