कैप्टन सरकार द्वारा लंगर को जी.एस.टी. से छूट

चंडीगढ़, 21 मार्च : मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा आज पंजाब विधानसभा में श्री दरबार साहिब अमृतसर के लंगर के लिए खरीदे जाते राशन पर जी.एस.टी. में से पंजाब का बनता आधा हिस्सा माफ करने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने भाजपा के सोम प्रकाश द्वारा उठाई गई मांग व कुछ अन्य सदस्यों की मांग पर दुर्ग्याणा मंदिर अमृतसर व ईसाइयों व मुसलमानों के मुख्य धार्मिक स्थान के लिए भी ऐसी छूट देने के लिए सहमति दी। राज्यपाल पंजाब के अभिभाषण पर आज सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस शुरू करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अकाली दल पर आरोप लगाया कि वह एक तरफ केन्द्र सरकार में बराबर सहयोगी हैं और उसी सरकार ने सिखों के महान धार्मिक संस्थान के लंगर पर जी.एस.टी. लगाने का फैसला किया है। सदन में इस मुद्दे पर हुए शोर-शराबे दौरान विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने इस मुद़दे पर सदन में एक प्रस्ताव लाने की मांग की जिसके ज़रिये केन्द्र को लंगर पर जी.एस.टी. खत्म करने के लिए कहा जाए और उन्होंने जी.एस.टी. वाला पंजाब का हिस्सा माफ करने की भी मांग उठाई। सदन में उपस्थित वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने सदन को बताया कि जी.एस.टी. कौंसिल के 31 राज्य व केन्द्र शासित प्रदेश सदस्य हैं और वह 3 बार काफी ज़ोर से यह मुद्दा कौंसिल की बैठकों में उठा चुके हैं और वह कल सदन में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली का वह पत्र व दूसरा रिकार्ड भी पेश करेंगे, जिसके ज़रिये जेतली ने इस मांग को रद्द करने संबंधी पंजाब को सूचित किया है। मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि श्री दरबार साहिब के लंगर पर तो तुर्कों ने भी कोई टैक्स या रोक नहीं लगाई, जो काम मोदी सरकार द्वारा किया गया है, जिसमें अकाली भी बराबर सहयोगी व कैबिनेट मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि अकाली दल या तो केन्द्र से लंगर पर जी.एस.टी. माफ करवाने का फैसला करवाए नहीं तो केन्द्र सरकार से मंत्री पद छोड़े। वित्त मंत्री की सहमति के बाद मुख्यमंत्री ने सदन में उठकर श्री दरबार साहिब लंगर के लिए पंजाब में जी.एस.टी. का 50 फीसदी हिस्सा माफ करने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री के इस ऐलान का आम आदमी पार्टी व अकाली सदस्यों द्वारा भी स्वागत किया गया। वित्त मंत्री द्वारा पेश किये गए एक प्रस्ताव को बाद में सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया, जिसमें श्री दरबार साहिब, दुर्ग्याणा मंदिर व दूसरे धर्मों के एक मुख्य पवित्र अस्थान के लंगर के लिए ऐसी छूट की मांग की गई। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सदन में आरोप लगाया कि अकाली दल द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों की बेअदबी करने वाले दोषियों को काबू करने की भी कभी कोई संजीदा कोशिश नहीं की गई, बल्कि इसके उलट कोटकपूरा में धार्मिक लोगों व श्रद्धालुआें पर अंधाधुंध अत्याचार करने के बाद अकाली सरकार ने दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाया गया। उन्होंने अकाली दल पर दोष लगाए कि उन्होंने 10 वर्ष के कार्यकाल दौरान किसानों के ऋण की समस्या को हल करने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाए और इन 10 वर्षों दौरान ही किसानों की दुर्दशा हुई। कल की अकाली दल की चंडीगढ़ रैली को उन्होंने ‘पोल खोल’ रैली की जगह ‘बोतल खोल’ रैली का नाम दिया। मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने बहस दौरान उठाए मुद्दों का जवाब देते हुए ऐलान किया कि प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित किए गए विभिन्न आयोगों की सभी रिपोर्टें विधानसभा के वित्तीय समागम दौरान सदन की मेज़ पर रखी जाएंगी। उन्होंने बताया कि जस्टिस नारंग आयोग की रिपोर्ट भी इसी समागम दौरान पेश की जाएगी, जबकि मेहताब सिंह आयोग की रिपोर्टों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद सदन में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि पवित्र गं्रंथों की बेअदबी के मामलों की जांच कर रहे जस्टिस रणजीत सिंह आयोग द्वारा भी अपनी रिपोर्ट जल्द दिए जाने की सम्भावना है। दिलचस्प बात यह थी कि लंगर पर जी.एस.टी. लगाने व बेअदबी के मुद्दों पर कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के विधायकों अकाली सदस्यों को निशाना बनाते हुए अकाली दल की कड़ी आलोचना हुई। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने यह भी आरोप लगाया कि बादलों ने एक ‘तनखाहिये’ को शिरोमणि कमेटी का अध्यक्ष बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व सुखबीर सिंह बादल को बराबर पुश्तैनी सम्पत्ति मिली, लेकिन आज दोनों की सम्पत्ति व दौलत का आपस मेें कोई मुकाबला नहीं है। धन्यवाद के प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस विधायक राजा वड़िंग ने आरोप लगाया कि अकेले लम्बी क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों दौरान 1700 करोड़ रुपए दिए गए और केवल एक ढाणी के एक घर को 3 करोड़ की लागत से सड़क दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बादल परिवार के निजी होटल को 29 करोड़ की लागत वाली सड़क मुहैया की गई, लेकिन आम आदमी पार्टी के कंवर संधू ने सरकार को कहा कि वह इस सड़क की जांच करवाकर अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती। आम आदमी पार्टी के कंवर संधू ने सदन में सम्बोधित करते हुए आरोप लगाया कि केबल माफिया को प्रदेश में से खत्म करने के लिए कैप्टन सरकार केबल को नियमित करने के लिए प्रस्ताव क्यों नहीं लाई, कहीं सरकार की केबल माफिया के साथ कोई डील तो नहीं हो गई। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे मौके पंजाब सरकार के रवैये व व्यवहार संबंधी भी कई एतराज़ उठाए।बहस पर आम आदमी पार्टी की बलजिंदर कौर, अकाली दल के पवन कुमार टीनू ने भी विचार व्यक्त किए और अनुसूचित जातियों के बच्चों के लिए स्कालरशिप व अनुसूचित जातियों के लिए फाइनांस कार्पोरेशन का समूचा 125 करोड़ का कज़र् माफ करने की भी मांग उठाई। सदन में नवांशहर के कांग्रेस विधायक अंगत सिंह, डेराबस्सी से अकाली विधायक एन.के. शरता, कांग्रेस के वरिंदर सिंह पाड़ा ने भी अपने विचार रखे और अकाली दल पर बदले की भावना वाली राजनीति करने के आरोप लगाए। लोक इन्साफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस द्वारा अवैध खनन संबंधी सदन में उपस्थित लोगों के नाम लिए जाने के कारण सदन में भारी हंगामा हुआ और स्पीकर द्वारा उनके द्वारा लगाए समूचे आरोप सदन की कार्यवाही से निकाल दिए गए। इससे पूर्व शून्यकाल दौरान अकाली दल के परमिंदर सिंह ढींडसा ने किसानों के मुद्दे पर पार्टी द्वारा पेश ध्यान दिलाने वाले प्रस्ताव को स्पीकर द्वारा रद्द किए जाने का मुद्दा उठाते हुए स्पीकर से किसानों की मुश्किलों व किसानों के समूचे कज़र् की माफी पर विचार करने के लिए समय न दिए जाने का विरोध किया, लेकिन स्पीकर द्वारा उनकी मांग को स्पीकर द्वारा अस्वीकार करने के विरोध में अकाली सदस्य जिन्होंने काले चोले पहने हुए थे नारेबाज़ी करते हुए स्पीकर की कुर्सी के सामने चले गए और ज़ोरदार नारेबाज़ी करते रहे जिस कारण सदन की कार्यवाही चलनी भी मुश्किल हो गई। उक्त अकाली विधायकों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी शामिल थे। स्पीकर द्वारा सदन की कार्यवाही चलती न देखकर सदन की बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि राज्य सरकार रेत, बजरी के खनन का काम अपने हाथ में क्यों नहीं ले लेती जिससे रेत की कीमतें भी घटेंगी और रेत माफिया भी खत्म हो जाएगा।