परिन्दों की अनोखी दुनिया

तोता पृथ्वी पर सर्वाधिक लुप्त प्राय: पक्षियों में से एक है। इसकी कई प्रजातियों पर तो अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है। इसकी 145 प्रजातियों में से 46 के प्राकृतिक निवास छिनने व शिकारियों द्वारा पकड़े जाने के कारण उनके अस्तित्व का खतरा और बढ़ गया है, जबकि 39 प्रजातियां तो शिकारियों के कारण ही लुप्त प्राय: हो गई हैं। तोते की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण शिकारी ही हैं। पक्षियों का होना न सिर्फ जैव परिस्थितियों के संतुलन के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज के लिये भी ज़रूरी है। इसे गिद्ध और कौवे के उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है। गिद्ध मरे हुए जानवरों को खाकर ज़िंदा रहता है, यदि गिद्ध न हो तो गाय, भैंस जैसे बड़े जानवरों के शव यूं ही सड़ेंगे और सड़ांध फैलायेंगे, अंतत: उस जगह महामारी फैल जायेगी। इसी तरह कौवे भी गांव मोहल्लों की गंदगी साफ करते हैं।
—कमल सौगानी
भवानी मंडी (राज.)