पाक की युवा पीढ़ी शहीद भगत सिंह को मानती है अपना नायक

अमृतसर, 24 मार्च (सुरिन्द्र कोछड़) : लाहौर में दयाल सिंह रिसर्च तथा कल्चरल फोर्म द्वारा शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस के संबंध में सैमीनार करवाया गया। दयाल सिंह हाल में करवाए गए उक्त सैमीनार में पाक की पंजाब एसैम्बली के एमएनए रमेश सिंह अरोड़ा, पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष बिशन सिंह, पंजाबी सिख संगत के चेयरमैन गोपाल सिंह चावला, इवैकूई ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड के इमरान खान गोंदल, तारिक वज़ीर ने अपने संबोधन में शहीद भगत सिंह को पाक की युवा पीढ़ी का नायक बताते हुए उसके क्रांतिकारी जीवन तथा शहादत पर अपने विचार पेश किए।  फैसलाबाद शहर की तहसील जड़ांवाला के गांव बंगा के चक्क नम्बर 105 जीबी में भी शहीद भगत सिंह, सुखदेव तथा राजगुरु का शहीदी दिवस शहीद के जन्म स्थान, हवेली सरदार भगत सिंह में पाक की संस्था कुकनास पंजाब लोक सुजाग तथा पंजाबी लहर द्वारा पूरी गर्मजोशी से मनाया गया। इस मौके पर उक्त हवेली के मौजूदा मालिक साकिब विर्क, नाशिर ढिल्लों, भूपिन्द्र सिंह लवली, ज़िला टोभा टेक सिंह तथा एमपी ए. मीयां रफीक, नज़मा अफज़ल, मोहम्मद अफज़ल, अवामी वर्क्स पार्टी के प्रतिनिधियों सहित फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर तथा पुलिस कमिश्नर भी उपस्थित थे। नासिर ढिल्लों तथा भूपिन्द्र सिंह लवली ने संबोधित करते हुए कहा कि लाहौर का ब्रैडले हाल जहां देश के महान क्रांतिकारियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव, भगवती चरण बोहरा, जयदेव गुप्ता, रामकिशन तथा यशपाल आदि ने अपने क्रांतिकारी जीवन की शुरुआत की थी, की मौजूदा समय दयनीय हालत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि खंडहर का रूप ले चुकी उक्त ऐतिहासिक इमारत में महात्मा गांधी द्वारा चलाई न-मिलवर्तन लहर के दौरान लाला लाजपत राय ने नैशनल कालेज शुरू किया। यहां से शहीद भगत सिंह तथा उनके कई देशभगत साथियों ने शिक्षा हासिल की। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से बै्रडले हाल का नवनिर्माण करवाकर वहां शहीद भगत सिंह म्यूज़िम बनाने की मांग की। उधर लाहौर से प्रकाशित उर्दू अखबार अवामी मुहब्बत के मुख्य कार्यालय में शहीद भगत सिंह तथा साथियों का शहीदी दिवस मनाते हुए मुख्य सम्पादक इकबाल खोखर, दीन न्यूज़ के जनरल मैनेजर, सायरल थामस सहित राशिद उल्ला, हाजि आरफ हुसैन, सुनील कुमार तथा रियाज़ भट्टी ने शहीद भगत सिंह को पाकिस्तान का कौमी शहीद बताया। उधर पाक की राजधानी इस्लामाबाद के लोक विरसा भवन में कलाकारों द्वारा शहीद भगत सिंह के जीवन तथा संघर्ष पर दस्तावेजी नाटक पेश किया गया।