ट्रक आप्रेटरों-एजेंसियों के विवाद से किसान भी चिंतित

जालन्धर, 3 अप्रैल (शिव शर्मा) : 1 अप्रैल से रस्मी तौर पर चाहे पंजाब सरकार द्वारा गेहूं खरीद शुरू कर दी है परन्तु चाहे अभी मंडियों में गेहूं आने को कुछ दिन लग सकते हैं परन्तु किराए को लेकर ट्रक आप्रेटरों तथा एजेंसियों के चल रहे मौजूदा विवाद कारण कई किसान ज़रूर चिंतित हैं, क्योंकि उनको अंदेशा है कि सरकार ने चाहे किसी भी तरह से गेहूं की खरीद करने के लिए हर प्रबंध करने का भरोसा दिया है परन्तु इसके बावजूद उनको मंडियों में गेहूं ले जाने के लिए परेशानी हो सकती है। अप्रैल के पहले सप्ताह तक मंडियों में चाहे गेहूं की आमद शुरू नहीं हुई है परन्तु बताया जाता है कि कुछ दिनों बाद गेहूं की आमद शुरू होने समय भी खरीद एजेंसियों की तैयारियों का पता लग सकेगा कि ट्रक आप्रेटरों के बायकाट के कारण उनको गेहूं की ढुलाई करने के लिए कितने बढ़िया प्रबंध किए हैं। मंडियों में इस बार तो रिकार्ड 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आमद होने वाली है। चाहे पंजाब में इस समय ढुलाई का किराया कम होने के कारण ट्रक आप्रेटरों का एजेंसियों में विवाद चल रहा है तथा इसके शीघ्र सुलझने की इस कारण भी संभावना नहीं है, क्योंकि जहां सरकार ने 1 लाख के करीब ट्रकों की बायकाट होने के कारण अपने प्रबंध करने का वायदा किया है जबकि दूसरी तरफ पंजाब द्वारा भी ट्रक आप्रेटरों का मामला अभी तक केन्द्र के पास नहीं उठाया गया है। ट्रक आप्रेटरों का तो कहना है कि यदि पंजाब सरकार किराए को लेकर पहले ही केन्द्र के साथ यह मामला उठाती तो इसके हल हो जाने की संभावना थी। अब जब कि गेहूं की खरीद शुरू होने वाली है तो ट्रकों के बायकाट के अतिरिक्त उन किसानों को परेशानी में डाल सकता है कि मंडियों में गेहूं को समय पर न उठाने पर किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। इस कारण मंडियों में ही परेशान होने की आशंका किसानों में पाई जा रही है।
ट्रक आप्रेटरों ने कम किराया होने के कारण टैंडरों का बायकाट किया है तथा टैंडर डालने का समय 4 अप्रैल तक ही बताया जा रहा है। अब जब माझे के ज़िलों में ही ढुलाई के टैंडर डाले गए बताए जाते हैं जबकि मालवा तथा दोआबा में तो ट्रक आप्रेटरों ने टैंडर डालने से फिलहाल सिरे से यह कहकर न कर दी है कि यदि उनको काम करने पर कुछ बचना नहीं है तो वह क्यों काम करने के लिए टैंडर प्रक्रिया में शामिल हों। किराए को लेकर कई वर्षों से विवाद चलता रहा है। टैंडरों को लेकर कई बार विवाद खड़े होते रहते हैं। कईयों का कहना है कि चाहे माझे के कुछ ज़िलों में ट्रक आप्रेटरों ने टैंडर किसी भी तरह से डाले हैं परन्तु उनको कामयाब तब ही माना जाएगा जब ट्रक आप्रेटर काम करने के लिए तैयार हो जाएंगे। खाद्य एवं सिविल सप्लाई सहित बाकी एजेंसियों द्वारा इस काम के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों का प्रयोग करने की तैयारी चल रही है और ढुलाई के लिए शैलर मालिकों से भी सहयोग मांगा गया है जबकि पंजाब ट्रक आप्रेटर यूनियन के अध्यक्ष हैप्पी संधू का कहना था कि उन्होंने पंजाब भर के ट्रक आप्रेटरों ने काम करने से यह कहकर मना कर दिया है कि यदि कोई बचत नहीं होनी है तो वह काम क्यों करेंगे।