शिरोमणि कमेटी रियासती गांवों के दो-दो नामों का मामला केन्द्रीय गृह मंत्री के पास उठाएगी

मालेरकोटला, 3 अप्रैल (अ.स.) : सिख इतिहास में 35 हज़ार सिखों की कुर्बानियों के साथ लहू-लुहान हुई बड़े घल्लूघारे के विलक्षण इतिहास की गवाह मालेरकोटला की पवित्र धरती के गांवों का नाम बदलने को सिख इतिहास के साथ छेड़छाड़ बताते शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने आज यहां बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मालेरकोटला रियासत के गांवों के दो-दो नामों का मामला केन्द्रीय गृह मंत्री के पास उठाएगी। भाई लौंगोवाल आज शिरोमणि कमेटी सदस्य जत्थेदार जैपाल सिंह मंडियां के स्थानीय कार्यालय में बातचीत कर रहे थे। भाई लौंगोवाल के अनुसार विश्व इतिहास में किसी कौम द्वारा एक ही समय एक ही जगह 35 हज़ार शहीदियां देने की बड़े घल्लूघारे की विलक्षण घटना के समय इस क्षेत्र के हर गांव, हर खेत तथा जंगल में सिखों का पवित्र खून गिरा है तथा यदि इन गांवों के ही नाम बदल दिए गए हैं तो भविष्य में हमारी पीढ़ियां को दुनिया की इस विलक्षण शहीदी घटना के सबूतों से अलग कर दिया जाएगा। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल की सरकार द्वारा स्थापित की सिख इतिहास की विलक्षण यादों की संभाल बारे बताया कि यह जिम्मेदारी पंजाब सरकार के पुरातत्व विभाग की है जो उसको सही ढंग से निभानी चाहिए। पुरातत्व विभाग के चंडीगढ़ कार्यालय में पड़ी महाराजा रणजीत सिंह के राजकाल के साथ संबंधित फारसी जुबान में लिखी सैकड़ों दस्तावेज़ी फाइलों को पढ़ने वाला कोई न होने बारे शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने बताया कि सिख इतिहास के विद्यार्थियों को पंजाबी, हिन्दी तथा अंग्रेज़ी के साथ-साथ उर्दू तथा फारसी ज़ुबानों का भी ज्ञान हासिल करना चाहिए, क्योंकि श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी तथा महाराजा रणजीत सिंह समय के सारे ऐतिहासिक दस्तावेज़ फारसी भाषा में ही लिखे मिलते हैं। उन्होंने पंजाबी यूनिवर्सिटी के मालेरकोटला स्थित नवाब शेर मोहम्मद खान इंस्टीच्यूट द्वारा ग्रंथी सिखों को फारसी का एक साल का डिप्लोमा आधी फीस पर करवाने की की पेशकश संबंधी बताया कि गुरबाणी पर सिख इतिहास बारे खोजी विद्वानों को सारी भाषाओं बारे ज्ञान हासिल करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्री दरबार साहिब में पहली अप्रैल से मक्की तथा आलू से बने गलनशील लिफाफों के प्रयोग के साथ इसकी शुरुआत कर दी है। भाई लौंगोवाल ने बताया कि श्री हरि मंदिर साहिब में प्रत्येक माह लगभग 15 क्विंटल लिफाफों का प्रयोग होता है तथा इन लिफाफों की उपलब्धता मुताबिक भविष्य में शिरोमणि कमेटी के प्रबंधों अधीन और गुरुद्वारा साहिबान अंदर में यह प्रयोग शुरू किया जाएगा। इससे पहले सिखों की मिनी पार्लियामैंट का अध्यक्ष बनकर पहली बार मालेरकोटला पहुंचने पर भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल का शिरोमणि कमेटी सदस्य जत्थेदार जैपाल सिंह मंडियां, शिरोमणि अकाली दल ज़िला संगरूर के पूर्व अध्यक्ष जसविन्द्र सिंह प्रिंस, गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा मालेरकोटला के अध्यक्ष भाई जगदीश सिंह घुम्मण, अमरेन्द्र सिंह चीमा, भाई अवतार सिंह बधेशा तथा दर्शन सिंह जलालाबाद सहित बड़ी संख्या में नेताओं द्वारा सिरोपे देकर सम्मान किया।