जलियांवाला बाग कांड की बरसी पर विभिन्न संस्थाओं ने दी श्रद्धांजलि

अमृतसर, 13 अप्रैल (सुरिन्द्र कोछड़): जलियांवाला बाग के शहीदी कांड का 99वां वार्षिक दिवस आज देश के विभिन्न शहरों में से अमृतसर पहुंचे एक दर्जन के लगभग संगठनों ने भारी उत्साह से मनाया। समारोह के दौरान 13 अप्रैल, 1919 को हत्यारे जनरल आर.ई.एच. डायर के आदेश पर उसके सिपाहियों द्वारा चलाई अंधाधुंध गोलियों को निशाना बने शहीदों को श्रद्धा के फूल भेंट करते लोकसभा सांसद स. गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि जलियांवाला बाग कांड में शहीद होने वाले शहीदों की शहादत सदा अमर रहेगी। उन्होंने बाग स्मारक में शुरू किए गए प्रोजैक्टों में की गई घोटालेबाजी के आरोपियों को सज़ा दिलवाने का दावा करते कहा कि शहीदों की यादगार से किसी भी प्रकार की लूट-खसूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सांसद सुनील दत्ती ने कहा कि शहीद देश का सरमाया होते हैं और जो कौमें या देश अपने शहीदों की कुर्बानियों को भूला देते हैं उनकी हैसियत को खाक होने में ज्यादा समय नहीं लगता। सांसद डा. राजकुमार वेरका ने भी शहीदों के दर्शाए मार्ग पर चलने के लिए कहा। कम्युनिस्ट नेता श्री विजय मिश्रा ने मौजूदा सरकार की पालिसियों को तालिबानी फरमान बताते देश भगत एवं देश से प्रेम बढ़ाने के लिए अपील की। कांग्रेसी नेता जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि जलियांवाला बाग कांड के शहीद भले ही वह किसी भी कौम या क्षेत्र से संबंधित क्यों न हों वह देशवासियों के लिए पूजनीय हैं। भाजपा नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कांड सम्बन्धी इतिहास से अवगत करवाते हुए अवसरवादी शासकों से जागरूक रहने के लिए कहा। उन्होंने जलियांवाला बाग स्मारक कमेटी के सदस्यों से कांड में शहीद होने वालों के नाम बाग में सम्मानजनक ढंग से हिन्दी एवं पंजाबी में लिखने की मांग की। उक्त के अतिरिक्त समारोह में जलियांवाला बाग नैशनल मैमोरियल ट्रस्ट के सचिव एस.के. मुखर्जी, बख्शी राम अरोड़ा, विकास सोनी, जतिन्द्र सिंह मोती भाटिया, डा. राकेश, माला चावला आदि भी उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त आज प्रात: 13 अप्रैल, 1919 को अंग्रेज़ सैनिकों की गोलियों का निशाना बने लोगों को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए बंगलादेश-भारत-पाकिस्तान पीपल्ज फोरम के सदस्यों द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट की गई। उक्त श्रद्धांजलि समारोह में फोरम के बंगाल से पहुंचे माणिक समझदार ने बताया कि समारोह में शामिल होने के लिए फोरम के बंगलादेश एवं पाकिस्तान के सदस्यों ने अमृतसर आने के लिए वीज़ा अप्लाई किया था, परन्तु भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी नागरिकों को वीज़ा जारी करने से इन्कार करते केवल बंगलादेशी नागरिकों को ही वीज़ा जारी किया। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग कांड के समय न तो पाकिस्तान बना था और न ही बंगलादेश एवं जनरल डायर द्वारा गोलियों का निशाना बनाए गए लोग संयुक्त भारत के लोग थे, इसलिए जलियांवाला बाग में शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट करने का अधिकार भारत सहित उक्त दोनों देशों के नागरिकों को भी एक समान होना चाहिए। जलियांवाला बाग में पंडित दीन दयाल उपाध्याय यादगारी मंच द्वारा कराए गए एक अन्य समारोह में कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट करते शहीद चन्द्र शेखर आजाद के भतीजे अमित आजाद ने कहा कि महापुरुषों की तस्वीरों के साथ-साथ हमें उनके चरित्र की भी पूजा करनी चाहिए तभी हमारे क्रांतिकारियों के सपनों के भारत का निर्माण होगा। आल इंडिया स्टूडैंट्स फैडरेशन पंजाब द्वारा श्रद्धांजलि समारोह के अवसर पर शहीद भगत सिंह की मूल लिखितों सहित जेल डायरी एवं स्वतन्त्रता संग्राम के इन्कलाबी इतिहास को स्कूलों, कालेजों, यूनिवर्सिटियों एवं प्राइमरी स्तर की शैक्षणिक  संस्थाओं के सिलेबस में शामिल करने के लिए लोक राय इकट्ठी करने हेत दो मासिक हस्ताक्षर अभियान का आगाज़ ऐतिहासिक स्थान जलियांवाला बाग से किया गया। आल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन, आल इंडिया डैमोक्रेटिक यूथ आर्गेनाइजेशन एवं आल इंडिया डैमोक्रेटिक स्टूडैंट्स आर्गेनाइजेशन द्वारा संयुक्त रूप से जलियांवाला बाग कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट की गई। इस अवसर पर प्रतिभा नायक, अशोक मिश्र, शिवाशिछ प्रहराज एवं सत्यवान आदि विशेष रूप से शामिल हुए। शहीद भगत सिंह नौजवान सभा एवं पंजाब स्टूडैंट्स फैडरेशन द्वारा आज जलियांवाला बाग के खूनी कांड के पर्व पर नौजवानों एवं विद्यार्थियों ने जलियांवाला बाग की 100वीं वर्षगांठ को पूरा वर्ष मनाने एवं साम्प्रदायिकता के खिलाफ तीखा संघर्ष करने का संकल्प किया गया और दावा किया कि 13 अप्रैल, 2019 को हज़ारों नौजवानों एवं विद्यार्थियों द्वारा अमृतसर की धरती पर भीड़ इकट्ठी करके शताब्दी मनाई जाएगी। इस अवसर पर शमशेर सिंह बटाला, मनदीप रतिया, अजय फिल्लौर, रवि कटारूचक्क, कुलवंत सिंह मल्लूनंगल, सुलक्खन तूड़, जतिन्द्र कुमार फरीदकोट, हरनेक गुज्जरवाल एवं मनजिन्द्र ढेसी, तस्वीर सिंह खिलचियां, सरबजीत सिंह हैरी, इकबाल सिंह भोरसी, गुरप्रीत सिंह चमेली, अमृतपाल सिंह चौधरीवाल एवं सुरिन्द्र शाह आदि नौजवान साथी उपस्थित थे।