कंपनियों के तिमाही परिणाम से तय होगी शेयर बाज़ार की चाल

मुम्बई 15 अप्रैल (वार्ता) : बीते सप्ताह तेजी में रहने वाले शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय पटल पर होने वाली हलचल और कंपनियों के तिमाही परिणाम से तय होगी। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 1.68 फीसदी यानी 565.68 अंक की तेजी में 34,192.65 अंक पर और एनएसई का निफ्टी  1.44 फीसदी यानी 149 अंकों के उछाल के साथ 10,480.60 अंक पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान पांचों कारोबारी दिवस शेयर बाजार हरे निशान में रहा। आगामी सप्ताह  19 अप्रैल को इंडसइंड बैंक और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टीएसीएस के परिणाम जारी होने हैं। इसके अलावा वैश्विक परिदृश्य पर जारी उथलपुथल भी शेयर बाजार पर हावी रहेगी। अमेरिका और चीन की तनातनी कम होने से आश्वस्त निवेशकों को अब सीरिया मसले को लेकर चिंता होने लगी है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर 100 से अधिक मिसाइलें दागी हैँ, जिसका जर्मनी ने समर्थन और रूस ने कड़ा विरोध किया है। सीरिया का यह मामला आगे क्या रूख लेगा, उसके अनुसार ही निवेशक शेयर बाजार में पैसा लगायेंगे।  कारोबार के पहले दिन सोमवार को अधिकतर विदेशी बाजारों से मिले मजबूत संकेतों के बीच सीडी,तेल एवं गैस और एफएमसीजी समूहों में हुई लिवाली के दम पर लगातार सेंसेक्स 161.57 अंक चढ़कर 33,653.61 अंक पर और निफ्टी 47.75 अंक की मजबूती के साथ 10,333.70 अंक पर बंद हुआ। मंगलवार को विदेशी बाजारों से मिले मजबूत संकेतों के बीच एक्सिस बैंक के शेयरों में रही तेजी और धातु,रिएल्टी तथा बैंकिंग समूह में हुई लिवाली के दम पर सेंसेक्स 91.71 अंक की तेजी में 33,880.25 अंक पर और निफ्टी 22.90 अंक की तेजी में 10,402.25 अंक पर बंद हुआ। एक्सिस बैंक की मौजूदा प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिखा शर्मा का कार्यकाल तीन साल पहले ही दिसंबर 2018 में खत्म किये जाने की खबरों से बैंक के शेयरों में सर्वाधिक 5.43 प्रतिशत का उछाल रहा।  उधर विदेशी बाजारों में भी माहौल सकारात्मक रहा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कार सहित कई उत्पादों के आयात शुल्क में कटौती की बात की जिससे एशियाई बाजारों में बढ़त रही। अमेरिका और चीन के बीच जारी तनातनी के बीच श्री जिनपिंग का यह बयान निवेशकों के लिए राहत भरा साबित हुआ। उन्होंने कहा है कि विदेशी निवेशकों की चीन के बाजार पहुंच बढाने की दिशा में कदम उठाये जायेंगे, वाहन क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के मालिकाना हक की सीमा बढायी जायेगी और विदेशी कंपनियों के बौद्धिक संपदा की रक्षा की जायेगी। अमेरिका और चीन के बीच बौद्धिक संपदा को लेकर काफी तल्खी है और ऐसे समय में चीन के राष्ट्रपति का यह रुख शेयर बाजार के लिए सकारात्मक रहा । 
बुधवार को  वैश्विक स्तर से मिले कमजोर संकेतों के बावजूद धातु, आईटी, टेक और सीडी समूह में हुई लिवाली के दम पर सेंसेक्स 60.19 अंक की बढ़त के साथ 33,940.44 अंक पर और निफ्टी 14.90 अंक की तेजी में 10,417.15 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार में दिन भर उतार-चढाव रहा। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रहने से निवेशकों का उत्साह कम रहा लेकिन कंपनियों के बेहतर तिमाही परिणाम की उम्मीद के कारण कारोबारी धारणा कुल मिलाकर सकारात्मक रही। गुरुवार को  आईटी, टेक, बैंकिंग और फाइनेंस क्षेत्र की बड़ी तथा दिग्गज कंपनियों में निवेशकों की जोरदार लिवाली से  सेंसेक्स 0.47 प्रतिशत यानी 160.69 अंक चढ़कर 34,101.13 अंक पर बंद हुआ।  निफ्टी भी 0.40 फीसदी यानी 41.50 अंक की तेजी के साथ 10,458.65 अंक पर रहा। गुरुवार शाम को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी हुए जिसके मुताबिक दालों के दाम एक साल पहले की तुलना में 13 प्रतिशत घटने और खाने-पीने के अन्य सामानों की महँगाई दर कम रहने से मार्च में खुदरा मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर लगातार तीसरे महीने घटते हुये 4.28 प्रतिशत पर आ गयी। खुदरा महँगाई का यह पिछले साल अक्टूबर (3.58 प्रतिशत) के बाद का निचला स्तर है। इस साल फरवरी में खुदरा महँगाई 4.44 प्रतिशत और पिछले साल मार्च में 3.89 प्रतिशत दर्ज की गयी थी।