सीएसआर पर 1522 कंपनियों ने किए 8897 करोड़ व्यय

नई दिल्ली, 15 अप्रैल (वार्ता) : खेलों का विकास,राष्ट्रीय विरासत और लैंगिक समानता ऐसे क्षेत्र रहे जिनमें वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान कंपनियों ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत सबसे अधिक काम किया। सीएसआर में बीते साल बीएसई में सूचीबद्ध 1,522 कंपनियों ने 8,897 करोड़ रुपये खर्च किये ,जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में नौ फीसदी अधिक है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक रिपोर्ट सीएसआर ट्रैकर 2017 में ऐसे तथ्य उभर कर सामने आये हैं, जो बताते हैं कि कंपनियों की दिलचस्पी धीरे-धीरे सीएसआर की राशि को अच्छी तरह खर्च करने में बढ़ी है। कंपनी अधिनियम,2013 के तहत कंपनियों को शुद्ध लाभ का दो प्रतिशत सीएसआर में खर्च करना अनिवार्य है। वित्त वर्ष 2017 में कंपनियों के शुद्ध लाभ का दो प्रतिशत 9,680 करोड़ रुपये व्यय करना था लेकिन इसका 92 फीसदी हिस्सा ही व्यय किया गया।  सीआईआई ने गत तीन साल की 3,973 कंपनियों के वार्षिक परिणाम की रिपोर्ट की समीक्षा करके यह निष्कर्ष निकाला है। सीआईआई के मुताबिक सीएसआर में योगदान करने के लिए बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या वित्त वर्ष 2015 के दौरान 1,181 थी, जो वित्त वर्ष 2016 में बढ़कर 1,270 हुई और वित्त वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 1,522 रहा। कंपनियों की संख्या में बढोतरी के साथ-साथ अनुदान की राशि में भी इजाफा हुआ और उसे खर्च करने के तरीके में भी कई बदलाव देखे गये। रिपोर्ट में बताया गया है कि एक तरफ कंपनियों ने सीएसआर में दिल खोलकर दान दिया लेकिन प्रधानमंत्री राहत कोष में उनका योगदान बहुत ही घट गया। वित्त वर्ष 2014-15 में 120 कंपनियों ने इस कोष में 107.43 करोड़ रुपये दान किये लेकिन  वित्त वर्ष 2015-16 में 79 कंपनियों ने 80.55 करोड़ रुपये की राशि जमा करायी। बीते साल सिर्फ 45 कंपनियों ने इस कोष में दिलचस्पी दिखायी और उनका कुल योगदान मात्र 23 करोड़ रुपये का रहा।