पंजाब सरकार की नीतियों के खिलाफ अध्यापकों द्वारा राज्य स्तर पर ‘हल्ला बोल’ रैली

पटियाला, 15 अप्रैल (आतिश गुप्ता) : पंजाब की कांग्रेस सरकार की तरफ  से अच्छी शिक्षा देने की जगह विद्यार्थियों और अध्यापकों का बबार्दी करने के खिलाफ  सांझे अध्यापक मोर्चे के नेतृत्व में विशाल एकता में परोए अध्यापकों का गुस्सा लगातार तीखा होता जा रहा है। कच्चे अध्यापकों और मुलाजिमों को पक्का करने की जगह मिलती तनख्वाह भी घटने की कोशिशें, निजीकरण की नीति के अंतर्गत 800 प्राथमिक स्कूलों को बंद करने और देश पूर्ण रैशनलाईजेशन नीति के द्वारा हजारों असामियां घटा कर शिक्षा विभाग का आकार छोटा करने, बजट में शिक्षा के लिए जी.डी.पी. का कम से कम प्रतिशत खर्च न रखने प्रति अपनाई जा रही लोग विरोधी नीति की पुष्टि करते आज सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के नेतृत्व में मुख्यमंत्री कै. अमरिंदर सिंह के शहर में जस्सोवाल खेल मैदान में प्रदेश भर से पहुंचे हजारों अध्यापकों को राज्य कनवीनर कुलवंत सिंह गिल, बलकार सिंह वलटोहा, सुखविंदर सिंह चाहल, भुपिंदर सिंह वड़ैच और बाज सिंह खहरा ने सम्बोधित किया।
उन्होंने कहा कि अध्यापक एकता को बड़े संघर्षों के द्वारा लोग लहर बन कर सरकार को जनतक शिक्षा और अध्यापक पक्षीय फैसले करने के लिए मजबूर करने का न्योता दिया। इस मौके अध्यापक नेताओं ने मांग उठाई कि ठेका आधारित सर्व शिक्षा मुहिम, रमसा अध्यापकों और कर्मचारियों, आई.ई.आर.टी., शिक्षा विभाग की पिकटस सोसायटी अधीन रेगुलर कंप्यूटर अध्यापकों, सेवा शर्तों के अंतगज़्त तीन साल पूरे होने के बावजूद कच्चे विभागीय 5178 अध्यापकों, सरकारी आदर्श, माडल और आदर्श (पी.पी.पी. मोड़) और ओ.डी.एल. अध्यापकों को पूरे तनख्वाह स्केल पर विभाग में रेगुलर करके ही जनतक शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी प्रतिभा की आस की जा सकती है।राज्य को-कनवीनर जगसीर सहोता, प्रदीप मलूका, दीदार मुदक्की, गुरविंदर तरनतारन, गुरजिंदरपाल सिंह, अमृतपाल सिद्धू, सुखराज सिंह, सतनाम सिंह ने बताया कि बदले की नीति के अंतर्गत सात साल से कार्य करने वाले अध्यापकों को जबरन तबदील करने, दूर सेवाओं दे रहे नव-नियुक्त अध्यापकों और तीन साल से पहले बदली न होने की शर्त लगाने, तर्कसंगत पाठ्यक्रम आधारत शिक्षा देने की जगह पढ़ो पंजाब पढाओ पंजाब प्रोजैक्ट लागू करके हजारों अध्यापकों को स्कूलों में से निकालने, माध्यमिक स्कूलों में से पंजाबी, हिंदी, ड्राइंग और शरीरिक शिक्षा की हजारों असामियां खत्म करने, प्राथमिक स्कूल में अध्यापकों समेत अन्य पदों की जगह हैड टीचर की पोस्ट देने की निंदा की।अध्यापकों की तरफ से संघर्ष के दौरान हजारों अध्यापकों पर मोहाली और लुधियाना में पुलिस केस दर्ज करने जैसे फैंसलों के विरौध में अध्यापक वर्ग का सांझा अध्यापक मोर्चे के द्वारा व्यापक हुआ रोष शिखर पर है।इस मौके हरजीत सिंह बसोता, सुरिंदर पुआरी, कुलदीप सिंह दोड़का, दविंदर सिंह, करनैब सिंह संधू, बिकरमजीत सिंह अंमृतस, प्रेम चावला, रणजीत सिंह मान, दिगविजेपाल मोगा, गुरसिमरत जखेपल, दविंदर रहल, गुरदीप बेस, राजवीर समराला, परमवीर पटियाला, राम चंद्र, विश्वास कपिला, अमनदीप मानसा, जसविंदर औजला, सुखदीप साधू, बिक्रमजीत, सुखदेव लाल, हरजीत जुनेजा, सुभाष गनोटा, नवनीत बराड़, विपन शर्मा आदि मौजूद थे।मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग पर अड़े अध्यापक : सांझा अध्यापक मोर्चे के झंडे नीचे सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे अध्यापकों की तरफ से राज्य स्तरीय रैली में ज़ोरदार प्रदर्शन किया गया। इस मौके रैली को खत्म करवाने के लिए जिला प्रशासन के सदस्य बार -बार पहुंचे पर नेताओं ने उन्हे मांग पत्र देने से इंकार कर दिया। अध्यापक नेताओं का कहना था कि यदि मुख्यमंत्री आप मीटिंग करके समूची मांगों को पूरा करते हैं तो यह संघर्ष वापिस लिया जा सकता है।पुलिस प्रशासन ने अध्यापकों पर रही तीखी नजर : सांझा अध्यापक मोर्चे की तरफ से पटियाला में जस्सोवाल खेल मैदान में आयोजित की गई रैली दौरान राज्य भर से अध्यापकों की तरफ से हिस्सा लिया गया। इस मौके पुलिस प्रशासन की तरफ से भी सुरक्षा के पुखता इंतजाम किए गए। इस मौके पुलिस कप्तान केसर सिंह, उप पुलिस कप्तान सौरव जिंदल, पुलिस स्टेशन त्रिपडी पटियाला के प्रभारी इंस्पै1टर राजेश मल्होत्रा, पुलिस स्टेशन लाहोरी गेट के प्रभारी जानपाल सिंह समेत बडी संख्या में पुलिस मुलाजिम तैनात किए गए थे।