क्या तीसरा मोर्चा मोदी को हरा पायेगा ?


विभिन्न पार्टियां मिलकर तैयारी कर रही हैं कि एकजुट होकर 2019 में भाजपा की सरकार केन्द्र में न बने। मोदी (भाजपा) को हराने के लिए मोदी की टक्कर का नेता भी तो होना चहिए। ममता बनर्जी को इस रूप में देखा जा सकता है क्या? मुझे ऐसा पूरी तरह महसूस नहीं हो रहा है। लोग अटकलें ये भी लगा रहे हैं कि ममता, मुलायम, शरद पवार और राहुल गांधी आदि मिलकर मोदी को टक्कर दे सकते हैं, परन्तु मोदी ने जिस तरह 2014 में जनता को अपने भाषणों एवं चुनावी जुमलों द्वारा प्रभावित किया, ऐसा लग रहा है कि जनता आज तक मोदी की दीवानी बनी हुई है। 
मोदी एक अच्छे इवेन्ट मैनेजर भी हैं। 2013-2014 से मोदी जो कर रहे थे-वो मोदी आज तक कर ही रहे हैं। अगर मोदी के विजय रथ को रोकना है तो तीसरा मोर्चा पहले जनता को समझाये, वर्ना सिर्फ तीसरा मोर्चा बनाकर मोदी को हराना मुश्किल है। हिन्दुवाद को लेकर भाजपा जिस तरह पूरे देश में छा रही है, उससे आगे क्या अन्जाम होगा यह तो वक्त ही बतायेगा, परन्तु देश में गलत तो बहुत कुछ हो रहा है। जापान के प्रधानमंत्री को गुजरात और दिल्ली घुमाकर मोदी इस कद्र मीडिया में छा जाते हैं कि मोदी को अपने ही देश की जनता की भूख नज़र ही नहीं आती है और हमारे देश की सम्पन्न जनता को भी अपने ही देश की जनता की भूख नहीं दिखती है। लगभग 70 प्रतिशत जनता को दो वक्त की रोटी ढंग से नहीं मिलती है। 
20 करोड़ बच्चे ऐसे हैं, जिनकी मां अपने बच्चे को थोड़ा सा चावल में ज्यादा पानी मिलाकर, उबाल कर दे देती है और बच्चे को पेट भरा सा लगता है और उसे नींद आ जाती है। कितनी ऐसी सच्चाई है जो सारे भारतीयों को पता नहीं है। राजनीति के अलावा हमारे देश के नेताओं को न ही कुछ आता है और न ही नेता आदि जानना चाहते हैं। लगभग चार वर्ष हो गये हैं मोदी सरकार  को बने हुए लेकिन ज़मीनी तौर पर न तो गरीबी कम हुई और न ही बेरोज़गारी।