देश के प्रति निष्ठा रखें

आज हमारी राजनीति ईर्ष्या और द्वंद से प्रेरित और वर्तमान में सबसे घटिया स्तर पर है। राजनीतिक दल बस अपनी वोट की चिन्ता में दिन-रात चिंतित रहने में व्यस्त रहते हैं और किसी को देश से कोई सरोकार दिखाई नहीं देता, केवल और केवल अपनी विद्वता का लोहा मनवाने में लगे रहते हैं। देश की रत्ती भर भी फिक्र नहीं। आपसी अन्दरूनी द्वंद के कारण पाकिस्तान जैसा छोटा सा देश भारत को आंखें दिखा रहा है। शायद आप ने टी.वी. पर बाबर और नबी को भारत के चैनलों पर आंखें फाड़-फाड़ भारतीय राजनीतिज्ञों से कितनी बदतमीजी से बातें करते देखा होगा। हमारे लिए कितनी शर्म की बात है। वो लोग ऐसा क्यों न करें? वह हमारे सियासतदानों को देश हित को ओझल कर आपस में लड़ते देखते रहते हैं। उन्हें पता चल गया कि इन लोगों को देश से कोई लगाव और वास्ता नहीं दिखाई पड़ता। 
विरोधी पार्टी जो कभी देश पर काबिज़ थी , उनके वास्ते यह दौर बहुत दुखदायी मालूम पड़ता है। उनको यह जान लेना चाहिए कि सत्ता किसी की बपोती जायदाद नहीं। विरोधी गुट के सीनियर नेता पाकिस्तान जाकर मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाने की मदद की भीख मांगते हैं। ऐसे नेता जो भारत मां के सपूत होने का दावा करते हैं, ऐसे नेताओं को बिना देर किए देशद्रोह के केस में तिहाड़ भेजना तर्क-संगत दिखाई देता है। कितनी दुर्भाग्य की बात है? देश की शांति को बरकरार रखने के लिए हुर्रियत नेताओं की सरकारी ग्रांटें एकदम बंद करके इस जुंडली को जेल में डालना ही आज की ज़रूरत है। पता नहीं मोदी जी इस बारे में क्या सोचते हैं। 
हमारे देश के लोगों के मुंह का ग्रास छीन कर काले नाग पाल रहे हैं। साथ ही विपक्ष को जोड़ कर दफा 370 को खत्म करें, तभी तो कश्मीरी पंडित और देश के बाकी लोग अपना आशियाना बना सकेंगे, अगर ऐसा नहीं करते तो आने वाली सन्तानें इन नेताओं को दोषी ठहरायेंगी। इसे देश का दुर्भाग्य ही माना जायेगा। अगर सत्ता वाली पार्टी देशहित का काम करती है, उसमें विरोधी पार्टी को साथ खड़ा होना चाहिए।