प्रदेश में नहीं बेचा जायेगा अंकुर कम्पनी का नरमे का बीटी बीज

अबोहर, 17 अप्रैल (सुखजिन्द्र सिंह ढिल्लों) : गत वर्ष अंकुर कम्पनी के बीटी बीज की आई शिकायतों के चलते कृषि विभाग ने इस बार अंकुर के बीटी बीज की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। इस को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने संघर्ष की रूप रेखा भी बनाई थी। खेतीबाड़ी विभाग के निचले स्तर के अधिकारी भी इस जानकारी से पहले वंचित थे लेकिन अब यूनियन के सफलता पूर्वक कार्य के बाद जब ऊपर से निर्देश आए तो अधिकारियों को इस बाबत पता चला है। जानकारी अनुसार गत वर्ष अंकुर के बीटी बीज के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ था। जिस कारण किसानाें में इस बीज प्रति भारी रोष था। इस बार शुरूआती दौर में अंकुर के बीटी बीज बाबत मार्किट में यही चर्चा थी कि इस पर पाबंदी नहीं है। जब भारतीय किसान यूनियन ने गत दिनों अंकुर के विरोध में एस.डी.एम. कार्यालय समक्ष भुख हड़ताल करने का फैसला किया फिर प्रशासन और विभाग की आंखें खुल गई और अधिकारियों ने हरकत में आते ही इस बाबत उच्च अधिकारियों के ध्यान में लेकर आए। आज इस बारे खेतीबाड़ी विभाग के डायरेक्टर ने स्पष्ट कर दिया कि अंकुर का बीटी बीज इस बार नहीं बेचा जायेगा। इस के बाद भुख हड़ताल करने पहुंचे भाकियू के नेताओं ने भुख हड़ताल रद्द कर दी और सरकार का धन्यवाद किया। इस बाबत खेतीबाड़ी विभाग के डायरेक्टर जसबीर सिंह बैंस से बातचीत की तो उन्होंनें कहा कि जैटिंक अपरूवर कमेटी ने अंकुर को प्रवानगी ही नहीं दी, जिस कारण हम इस पर पाबंदी लगाई है। इस की कोई भी नरमे के बीटी बीज की वैरायटी प्रदेश में नहीं बेची जायेगी। उन्होंने कहा कि किसान भी मंजूरशुदा वैरायटी ही बीजे। उधर यहां भूख हड़ताल करने पहुंचे जिला प्रधान बुध राम बिश्नोई और अन्य किसानों ने कहा कि अंकुर  ने पिछले वर्ष किसानों का बहुत नुकसान किया था। हम शुरू से ही इस पर पाबंदी लगाने की मांग कर रहे थे। विभाग ने हमारी मांग प्रवान करके इस पर पाबंदी लगा दी है जिस के लिए किसान सरकार के धन्यवादी है।