गलियां व सड़कों पर खड़ी गाड़ियों से निगम वसूलेंगी करोड़ों की पार्किंग फीस

जालन्धर, 18 अप्रैल (शिव शर्मा) : पंजाब के बड़े शहरों में ट्रैफिक की समस्या को नियंत्रित करने के लिए पंजाब सरकार इस वर्ष पार्किंग नीति लागू करने जा रही है। स्थानीय निकाय विभाग ने चाहे अभी सभी निगमों में इस नीति को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर इस बारे योजना तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार इस नीति को लागू करके जहां शहर में ट्रैफिक समस्या को नियमित करने की तैयार कर रही है, दूसरा इससे निगमों को करोड़ों रुपये पार्किंग फीस से आने की संभावना है, जो कि निगमों को इस समय फंडों की काफी ज़रूरत है। सरकार ने इस नीति को लागू करने के लिए 31 अगस्त, 2018 तक इसकी योजनाबंदी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। नीति के मुताबिक यह नीति तो इस करके भी लागू करने की ज़रूरत है क्योंकि 38 वर्षों में पंजाब में 25 प्रतिशत से अधिक के लगभग गाड़ियां बढ़ गईं हैं और इस समय गाड़ियां खड़ी करने के लिए गलियों-सड़कों पर जगह नहीं है। नीति में सरकार ने इस बारे शहरों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी है कि 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इस समय गाड़ियों की रिकार्ड तोड़ संख्या है। जारी नीति में इसका ज़िक्र किया गया है कि कार जितनी बड़ी होगी, उस के अनुसार ही पार्किंग फीस वसूल की जाएगी। गालियों में गाड़ियां खड़ी करने के लिए पार्किंग फीस वसूलने के लिए पास जारी किए जाएंगे जिनकी समय सीमा एक वर्ष तक होगी। औद्योगिक संस्थानों के पास भी गाड़ियां खड़ी करने के लिए पार्किंग फीस वसूल की जाएगी। नीति में सरकार ने इसका ज़िक्र किया है कि सभी निगमों को पार्किंग फीस वसूलने के लिए शहरों में योजनाबंदी करनी चाहिए कि पार्किंग फीस किस तरह से वसूल की जानी है। साईकिल चलाने वालों, विकलांग व्यक्तियों को पार्किंग की सुविधा दी जाएगी। सरकार का कहना है कि राज्य में इस समय अधिक गाड़ियां होने के कारण बड़े शहरों में कई फुटबाल जैसे ज़मीनों की ज़रूरत है। नीति में जानकारी दी गई है कि बड़े शहरों में गाड़ियां खड़ी करने के लिए कितने मैदान जैसी ज़मीनें चाहिएं। इन में चंडीगढ़ में 56 फुटबाल मैदानों के बराबर ज़मीन चाहिए जहां कि सभी गाड़ियां खड़ी हो सकें। लुधियाना में 77, पटियाला में 31, अमृतसर में 32 फुटबाल मैदानों के बराबर ज़मीन की ज़रूरत है। एक जानकारी के मुताबिक सभी निगमों द्वारा पार्किंग वसूली नीति लागू करने के लिए योजनाबंदी बना कर स्थानीय निकाय विभाग को भेज दी जाएगी और इसके बाद स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शहर के अनुसार योजनाबंदी पर मोहर लगा दी जाएगी। याद रहे कि कई बड़े शहरों में यदि पार्किंग स्थान बने हुए हैं, उनमें यह अधिकतर कामयाब नहीं हुए हैं और निजी तौर पर कई शहरों में भी पार्किंग स्थान बने हुए हैं। स्थानीय सरकार द्वारा जारी इस नीति के साथ चाहे ट्रैफिक की समस्या कुछ हद तक हल हो जाएगी परन्तु इसके लागू होने से पहले ही विरोध होना शुरू हो गया है। नगर निगम हाऊस में उप नेता सुशील कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा पहले ही काफी टैक्स लागू किए जा चुके हैं और अब गाड़ियों पर पार्किंग फीस लागू करके लोगों पर और भार डाला जा रहा है। वह हाऊस में इस नीति का विरोध करेंगे। नगर निगम कमिश्नर श्री बसंत गर्ग के साथ सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे जारी नीति मिल गई है और इस बारे विचार-विमर्श किए जा रहे हैं।