अपने व्यवहार के ज़रिये कितनी सुरक्षित हैं आप ?

यूं तो सुरक्षित होना सौ फीसदी किसी के अपने हाथ में नहीं होता। लेकिन मनोवैज्ञानिक कहते हैं, ‘असुरक्षित होना आमतौर पर अपनी वजहों से होता है।’ 
दूसरे शब्दों में ज्यादातर महिलाएं अपने असुरक्षाबोध और डरी, सहमी बॉडी लैंग्वेज की वजह से असुरक्षित होती हैं। शायद यही वजह है कि मनो-चिकित्सक कहते हैं, ‘अगर आपकी बॉडी लैंग्वेज कॉन्फि डेंस से भरी पूरी है तो आप करीब-करीब सुरक्षित हैं।’ लब्बोलुआब यह कि आपकी सुरक्षा का बहुत कुछ दरोमदार आपकी बॉडी लैंग्वेज पर टिका होता है। आइये परखते हैं बॉडी लैंग्वेज के लिहाज़ से आप कितनी 
सुरक्षित हैं?
1. जब आप कॉलेज या ऑफि स के लिए घर से निकलती हैं तो ज्यादातर समय-
क. आंखें नीचे किये हुए जमीन पर देखती रहती हैं।
ख. डर की वजह से पूरे समय इधर-उधर देखती रहती हैं।
ग. बिना किसी खौफ  के आंखें ऊपर किये हुए सजगता से चलती हैं।
2. नेताओं, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और मां-बाप की राय ने आपको मुतमईन कर दिया है कि घर से बाहर निकलते समय-
क. ड्रेस कोड का ध्यान रखना चाहिए और छोटे व तंग कपड़े नहीं पहनने चाहिएं।
ख. मानती हैं कि अपराधों का पहनावे से कोई रिश्ता नहीं होता, जो रिश्ता जोड़ा जाता है, वह अपराधियों की चालाकी है।
ग. बीच का रास्ता अपनाना चाहिए, फालतू के नारीवाद से कोई फायदा नहीं है।
3. घर से बाहर जाते समय आप अक्सर आरामदायक ड्रेस पर जोर देती हैं ताकि-
क- वह आपको सफर में चुस्त दुरुस्त रखे।
ख. फैशनेबल ड्रेस पर जोर देती हैं, जिससे जो देखे वह देखता रह जाये।
ग. अंतिम समय तक इसको लेकर कोई पूर्व धारणा नहीं रखती, जो मिल गया पहन लेती हैं।
4. अपने गंतव्य पर पहुंचने में लेट हो रही हैं इसलिए-
क. किसी भी अजनबी से लिफ्ट लेने में संकोच नहीं करेंगी।
ख. सार्वजनिक परिवहन से ही यात्रा करेंगी और जहां आप पहुंच रही हैं, घर वालों को पहले से ही अवगत करा देंगी कि आपको लेट हो सकता है।
ग. वक्त और परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लेंगी।
5. ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ आपको क्या लगता है यह महज एक जुमला है या इस पर वाकई संजीदगी से ध्यान देना चाहिए?
क. ऐसी बातों पर ध्यान देने की कोई ज़रूरत नहीं है। यह महज एक जुमला है।
ख. ज़रूर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि खतरा किसी भी रास्ते से होकर आ जाता है।
ग. कोई पूर्व निष्कर्ष नहीं मानतीं, तत्काल जो दिल कहता है, उसे सुनती हैं।
निष्कर्ष- यहां पूछे गये सवालों के जवाब में अगर आपने उन्हीं जवाबों को टिक किया है, जिनसे सहमत हैं तो आइये परखते हैं कि आप अपनी बॉडी लैंग्वेज के जरिये कितनी सुरक्षित हैं?
क- यदि आपके कुल हासिल अंक 5 या इससे कम हैं तो कहना पड़ेगा कि आप बॉडी लैंग्वेज की साइकोलॉजी पर यकीन नहीं करतीं। यह अच्छी बात नहीं है। आपकी यह बेफिक्री किसी दिन आपको संकट में डाल सकती है, क्योंकि अपराधी ज्यादातर मौकों पर उन्हीं महिलाओं पर हमला करने की हिम्मत जुटाते हैं, जो मनोवैज्ञानिक रूप से उन्हें डरी और सहमी हुई लगती हैं।
ख- यदि आपके हासिल अंक 5 से ज्यादा मगर 10 या 10 से कम हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप अकेले के सफर में बॉडी लैंग्वेज के महत्व को तो समझती हैं, मगर इस समझ को लेकर बहुत अनुशासित नहीं हैं। मतलब यह कि आपकी बेफिक्री किसी दिन आपको खतरे में डाल सकती है।
ग- यदि आपके हासिल अंक 10 से ज्यादा हैं तो निश्चित रूप से आप बॉडी लैंग्वेज के मनो-वैज्ञानिक प्रभाव को अच्छी तरह से समझती हैं। आपकी सजगता न केवल आपको अधिकतम सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि आपमें आत्मविश्वास भी भरती है।

-इमेज रिफ्लेक्शन सैंटर
—प्रस्तुति : पिंकी अरोड़ा