बैंक फ्र ॉड और बढ़ता राजनीतिक जोखिम


यह असामान्य दिख सकता है कि गोल्डमैन सैक्स और नोमुरा के नेतृत्व में वैश्विक निवेश बैंकर अचानक एक बेहतर निवेश और विकास गंतव्य के रूप में भारत के बारे में अपनी धारणा बदल रहे हैं। पिछले महीने भारत पर नोमुरा की शोध रिपोर्ट कहती है कि भारत में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ रही है और ‘सत्तारूढ़ भाजपा बैकफु ट पर है’। नोमुरा रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि राजनीतिक जोखिम निश्चित रूप से बढ़ा है। निवेश बैंक की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से निष्कर्ष निकालती है कि 2018-19 की तीसरी तिमाही (सितंबर-दिसंबर) में लोकसभा चुनाव हो सकता है। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट 2 अरब डॉलर से अधिक की पीएनबी धोखाधड़ी के मद्देनजर भारत के पूर्वानुमानों को घटाकर देखती है। वैश्विक निवेश बैंकर ने चेतावनी दी है कि बढ़ते बैंक धोखाधड़ी से बैंकिंग क्षेत्र में विनियमन सख्त हो सकता है, जो क्रेडिट वृद्धि को बाधित कर सकता है।  पिछली रिपोर्ट तक गोल्डमैन सैक्स मोदी सरकार को लेकर बहुत उत्साहित था। बैंक धोखाधड़ी के मामले लगातार आने के बाद उसकी ताजा रिपोर्ट नकारात्मक हो गई है। गोल्डमैन सैक्स 2013 से नरेंद्र मोदी और भाजपा का समर्थन कर रहे थे। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार थे। नरेंद्र मोदी और भाजपा को गोल्डमैन सैक्स के खुले समर्थन के कारण विपक्ष में कुछ अन्य लोगों के साथ तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने  विरोध किया था।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, जो तब केंद्रीय वाणिज्य मंत्री थे, ने गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के खिलाफ मीडिया के सामने उसे ‘अनुचित और आपत्तिजनक’ कहते हुए जोरदार प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। शर्मा ने कहा था कि उन्हें उस तरह के प्रमाण की जरूरत नहीं है और भारत एक स्वाभिमानी राष्ट्र है और हमारे 80 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। उन्होंने कहा था कि इस तरह का ज्ञान बांटकर भारत के लोगों का अपमान किया जा रहा है और हमें उनको तवज्जो नहीं देना चाहिए। जवाब में गोल्डमैन सैक्स ने कहा था कि उनकी एशिया प्रशांत पोर्टफ ोलियो रणनीति रिपोर्ट में कोई राजनीतिक पूर्वाग्रह नहीं है और न ही कोई राजनीतिक राय है। अब, वही गोल्डमैन सैक्स अब सरकार को शर्मिंदा करने वाले एक अलग धुन गा रहा है। पीएनबी धोखाधड़ी के बाद वैश्विक निवेश बैंकर की चेतावनी सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने आशा व्यक्त की थी कि 32 अरब डॉलर का बैंक पुर्नर्पूंजीकरण योजना ऋ ण देने को प्रेरित करेगा। पिछले महीने पीएनबी धोखाधड़ी का खुलासा बैंक के शेयरों में गिरावट का कारण बनकर आया। अन्य बैंकों के घोटाले भी सामने आ रहे हैं। (संवाद)