बहुत गुणकारी है आम


आम को विशेषत: दो प्रकार से उपयोग में लाया जाता है, पहला, अचार, मुरब्बा बनाकर और इसको पकाकर फल के रूप में। पकाने के लिए कच्चे-अधपके आम को तोड़कर कृत्रिम रूप से पकाया जाता है। इसे पाल लगाना कहते हैं। अचार-मुरब्बा कच्चे आम का बनाया जाता है। इसे लोग अपनी-अपनी रूचि के अनुसार मसाला डालकर बनाते हैं।
इस प्रकार आम हमारे दैनिक जीवन में भोजन का एक हिस्सा है। सिर्फ इतना ही नहीं, इसमें औषधि गुण भी हैं। पका आम स्वास्थ्यवर्धक होता है। यह हृदय के लिए अत्यंत लाभकारी है तो पेट संबंधी विकार जैसे कब्ज के लिए रामबाण दवा भी है।
आम के सूखे पत्तों के धुएं से हिचकी बंद होती है तथा गले के रोग दूर होते हैं। आम की गिरी दमा और पेचिश मिटाती है। हैजा या प्लेग जैसी बीमारी भी इसके गूदे से दूर होती है। इस की गोंद नींबू के रस के साथ त्वचारोग को खत्म करती है।
नवजात शिशु के पतले दस्त को रोकने के लिए आम और जामुन की छाल का रस पिलाया जाता है। रक्तस्राव को रोकने के लिए भी यह उपयोगी है। स्त्रियों के मासिक धर्म एवं प्रदर रोग में इसकी छाल को उबाल कर पानी पिलाया जाता है। मधुमेह के रोगी को आम की गुठली का चूर्ण संजीवनी बूटी की तरह फायदा पहुंचाता है। यह रक्तवर्धक, शुक्रवर्धक, पित्त-विकारों का शमन करने वाला तथा आंतों को शक्ति प्रदान करने वाला है।
वैज्ञानिकों के अनुसार आम में विटामिन ‘सी’ की मात्रा सर्वाधिक होती है।
एक आम छ: सेबों के बराबर लाभ पहुंचाता है। विटामिन ‘ए’ की मात्रा भी आम में ज्यादा होती है। आम शरीर को मोटा और ताकतवर बनाता है। अन्य उपयोग में, यह पूजा-पाठ व हवन में एक उपयोगी वस्तु है। इसके पत्ते, बौर और लकड़ी, कलश, तोरण और हवन में काम आते हैं। इस तरह आम का सर्वाग पोषक तत्वों व औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। गर्मी में विशेष तौर पर ‘लू’ से बचने के लिए आम से बढ़कर अन्य कोई औषधि नहीं है। (स्वास्थ्य दर्पण)
-घनश्याम प्रसाद साहू