नए मंत्रियों ने अपना कार्यभार संभाला


चंडीगढ़, 24 अप्रैल (एन.एस. परवाना) : प्रदेश सरकार में जोश की नई लहर भरते पंजाब मंत्रिमंडल के नए मंत्रियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की मौजूदगी में अपने विभागों का कार्यभार संभाल लिया। मुख्यमंत्री ने आशा प्रकट की कि लोक सेवा के लिए ‘बेहतरीन’ व्यक्ति चुने गए हैं तथा वह बढ़िया कारगुजारी दिखाएंगे। बाद में मीडिया द्वारा पूछे सवाल पर मुख्यमंत्री ने दलित/ओ.बी.सी. भाईचारे को मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व देने की बात दोहराते कहा कि सत्ताधारी पार्टी के 77 विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जा सकता परन्तु जो रह गए हैं उनको उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, जिस बारे उनके द्वारा पहले ही वायदा किया गया है। कुछ मंत्रियों के पास अपने विभागों का नेतृत्व करने के लिए उचित शैक्षणिक योग्यता न होने बारे सवाल पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि ‘उन सभी के पास कामकाज में मदद के लिए योग्य तथा अनुभवी स्टाफ है।’
पंजाब सचिवालय में नए मंत्रियों को रस्मी तौर पर उनके कार्यालयों में बिठाने के बाद मीडिया के साथ बातचीत दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल में वृद्धि से कुशलता बढ़ेगी जबकि प्रदेश की स्थिति में समूचे तौर पर पहले ही काफी सुधार आया है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों से कई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तहत लगातार पैंशनें दी जा रही थीं। इस मौके पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी उनके साथ थे। पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट में डी.जी.पी. सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के वकील द्वारा दी दलील कि ‘मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की अनुशासनी बैठक बुलाकर अदालत की तौहीन की है’ बारे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अदालत में चल रहे इस मामले में किसी भी तरह की दखलंदाजी नहीं की। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रदेश के हित में केवल पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए थे।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने दोहराया कि नशों के विरुद्ध कायम की विशेष टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) की अगुवाई में हरप्रीत सिंह सिद्धू ने केवल मुख्यमंत्री कार्यालय (सी.एम.ओ.) द्वारा ही पंजाब लाने का रास्ता था क्योंकि वह केन्द्रीय डैपुटेशन पर थे, जहां अभी उनका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि अब हरप्रीत सिद्धू का केन्द्र में बाकी रहता कार्यकाल पूरा हो गया है तथा उनको डी.जी.पी. के तहत लाया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री अपने नए कैबिनेट साथियों को कार्यभार संभालने के लिए सचिवालय में सातवीं मंजिल से शुरू होकर निचली मंजिलों तक उनके कार्यालय में गए। सातवीं मंजिल पर पशु पालन, डेयरी विकास तथा पशु पालन मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के पद संभालने के मौके सत्कार के रूप में सुखमणि साहिब का पाठ करवाया गया। मुख्यमंत्री ने इसी मंजिल पर बिजली मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ तथा खाद्य तथा सिविल सप्लाइज़ तथा खपतकार मामलों बारे मंत्री भारत भूषण आशू द्वारा पद संभालने के मौके उनके कमरों में जाकर उनको बधाई दी। इसके बाद कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अन्य वरिष्ठ पार्टी साथियों के साथ मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी को कार्यभार संभालने के लिए छठी मंजिल पर गए। इस उपरान्त मुख्यमंत्री पांचवीं मंजिल पर गए जहां उनकी अनुपस्थिति में लोक निर्माण तथा सूचना तकनीकी मंत्री विजय इन्द्र सिंगला, राजस्व मंत्री सुखबिन्द्र सिंह सरकारिया तथा उद्योग तथा वाणिज्य मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने अपने-अपने कार्यालयों में कार्यभार संभाला। आखिर में शिक्षा तथा वातावरण मंत्री ओ.पी. सोनी तथा सहकारिता तथा जेलों बारे मंत्री सुखविन्द्र सिंह रंधावा ने भी मुख्यमंत्री की उपस्थिति में पद संभाला। मुंख्यमंत्री उच्च शिक्षा बारे मंत्री रजिया सुल्ताना के भी कार्यालय गए जिनको हाल ही में हुए कैबिनेट के विस्तार में राज्य मंत्री से तरक्की देकर कैबिनेट रैंक दिया गया।
सारे गेट खोल दिए गए : दिलचस्प तथा वर्णनीय बात यह है कि आज सिविल सचिवालय में नए मंत्रियों के चार्ज संभालने के समय खूब चहल-पहल तथा रौनक दिखाई दी। मुख्यमंत्री आज लम्बे समय के बाद सिविल सचिवालय में पधारे तथा आम वर्करों को भी मिले। सिविल सचिवालय में आम तौर पर जारी किए गए रास्तों द्वारा आम लोग आ जा सकते थे परन्तु आज तो ऐसे लग रहा था कि जैसे सारे गेट ही खोल दिए गए हों। राणा सोढी ने बताया कि विश्व कबड्डी कप चैम्पियनशिप अब नहीं कराए जाएंगे।