महंगे पैट्रोल, डीज़ल से बढ़ रही है वैट वसूली


जालन्धर, 24 अप्रैल (शिव शर्मा) : देश भर में एक तरफ महंगा पैट्रोल, डीज़ल लोगों की कमर तोड़ रहा है जबकि पंजाब में लगातार महंगे पैट्रोल, डीज़ल के साथ खज़ाने में ज्यादा राजस्व आ रहा है। उत्तरी राज्यों में इस समय पंजाब में पैट्रोल तथा डीज़ल के ऊपर वैट की दर सबसे ज्यादा 36.4 तथा 17 प्रतिशत के करीब है तथा ज्यादा वैट की दर का फायदा अब पंजाब के खजाने में मिल रहा है। चंडीगढ़, हरियाणा में पैट्रोल, डीज़ल सस्ता होने के कारण पंजाब के पैट्रोल पम्पों की बिक्री 30 प्रतिशत से ज्यादा कम रही थी परन्तु अब प्रतिदिन भाव योजना लागू होने से उल्टा जी.एस.टी. विभाग की वैट वसूली बढ़ने लग पड़ी है। पहले जिस पैट्रोल का भाव पंजाब में 70 रुपए था तथा डीज़ल का भाव 56 रुपए प्रति लीटर के करीब था जबकि अब पैट्रोल का भाव 80 रुपए अपितु अमृतसर में पैट्रोल का आज का भाव 80.30 रुपए लीटर तथा डीज़ल का भाव अब 66 रुपए है तथा जिस कारण बेसिक रेट पर भाव बढ़ने के कारण वैट की दर में लगातार वृद्धि हुई है। एक साल में ही तेल के बेसिक भाव के बढ़ने के कारण 25 प्रतिशत वैट की दर बढ़ने से ही वैट वसूली में वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष पैट्रोल, डीज़ल के दौरान भाव लागू होने के बाद ही पैट्रोल डीज़ल महंगा हुआ है। अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के भाव महंगे सस्ते होने के कारण महीने में दो बार तेल के भाव में बढ़ौत्तरी की जाती थी या फिर सस्ता किया जाता था परन्तु पिछले वर्ष से प्रतिदिन भाव योजना लागू करने के बाद अब तक पैट्रोल तथा डीज़ल कम सस्ता हुआ है, अपितु अब तक प्रतिदिन 5 पैसे से लेकर 20 पैसे तक प्रतिदिन तेल महंगा ही होता रहा है। तेल लेने वाले लोगों को प्रतिदिन का भाव कई बार पता नहीं लगता है चाहे पैट्रोल पंपों पर पैट्रोल, डीज़ल का भाव लिखा होता है। प्रतिदिन भाव लागू करने की योजना से केन्द्र के साथ तेल कंपनियों को फायदा हुआ है तथा साथ ही राज्य सरकारों का राजस्व भी बढ़ रहा है। एक्साइज़ ड्यूटी घटाने के लिए तो राज्य सरकारों ने केन्द्र की तरफ नज़रें लगाई हैं कि वह एक्साइज़ ड्यूटी घटाएंगी परन्तु जिस तरफ से तेल के महंगा होने से लाभ में वृद्धि हुई है तो राज्य सरकारें, केन्द्र तेल का भाव कम करने की अभी राहत की घोषणा नहीं हुई है। पैट्रोल पम्प डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह दोआबा का कहना था कि पंजाब सरकार के पास अब मौका है कि वह चंडीगढ़ तथा हरियाणा के मुकाबले वैट की दर करके लोगों को इसका फायदा दिलाए, क्योंकि इससे उनकी वैट वसूली नहीं घटेगी, अपितु 5000 करोड़ से बढ़कर यह वसूली 6000 करोड़ तक पहुंच सकती है। अब सरकार के पास वैट की दरें कम करने का मौका है तथा इससे पंजाब की सीमा के पैट्रोल पम्पों के कारोबार में तेज़ी आ सकती है।