फगवाड़ा में माहौल पुन: हुआ तनावपूर्ण


फगवाड़ा, 24 अप्रैल (प्रिथीपल सिंह बोला): 13 अप्रैल देर सायं दो समुदायों में शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार दोपहर उस समय विवाद में नया मोड़ आ गया, जब वाल्मीकि समाज के कुछ लोगों ने बासां वाले बाज़ार में स्थित किताबों की एक दुकान को विवाद के चलते जब्री बंद करवा दिया। उक्त दुकानदारों ने कई दिनों बाद मंगलवार को दुकान खोली थी जब दुकान को जब्री बंद करवाया गया तो बाज़ार के दुकानदार भड़क उठे व सभी ने अपनी दुकानें बंद कर दीं। मामले की जानकारी जब  जनरल समाज मंच को मिली तो समाज से संबंधित लोग बड़ी संख्या में दुकानदारों के समर्थन में उतर आए व दुकानदारों के साथ मिल कर बड़ी संख्या में लोग बंगा रोड पर पुराने डाकखाने के निकट धरने पर बैठ गए। दुकानदारों ने रोज़-रोज़ के बंद पर हो रही भारी परेशानियों के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेवार ठहराते हुए जोरदार नारेबाज़ी की। जनरल समाज के लोग व दुकानदार इतने ज्यादा गुस्से में थे कि एस.पी. फगवाड़ा द्वारा समझाने पर भी वे नहीं माने। दोपहर तीन बजे का शुरू हुआ धरना देर सायं अंतिम समाचार मिलने तक जारी था व पुलिस फोर्स बड़ी संख्या में  धरनास्थल पर तैनात कर दी गई थी व पुलिस ड्रीन कैमरे से पूरे हालात पर नज़र रख रही थी। इस अवसर पर मेयर अरुण खोसला, सीनियर डिप्टी मेयर सुरिन्द्र सिंह वालिया, डिप्टी मेयर रणजीत सिंह खुराना, अवतार सिंह मंड, संजीव कुमार बुग्गा, फतेह सिंह परहार पंजाब प्रधान जनरल समाज, एडवोकेट विजय शर्मा, रजिन्द्र सिंह बंदी, अनुराग मानखंड, भाजपा नेत्री निक्की, कुसम शर्मा, नरेश भारद्वाज, अशोक कुमार सेठी ने प्रशासन व पुलिस पर पक्षपात के आरोप लगाते हुए कहा कि 13 अप्रैल को हुए झगड़े संबंधी दोनों समुदायों के लगभग 4 दर्जन लोग पुलिस ने संगीन धारा के तहत नामज़द किए लेकिन गिरफ्तार केवल जनरल समाज से संबंधित लोगों को किया गया। दूसरे पक्ष के दो मुख्य आरोपी जो पूरे मामले के जन्मदाता हैं, उन्हें पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। जनरल समाज के लोग जरनैल नंगल व हरभजन सुमन की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सायं 8 बजे तक रोष धरना लगा कर नारेबाजी कर रहे थे।