मणिका बत्रा देश को मिली टीटी की नई रानी

खेलों में रोल मॉडल का बहुत महत्व है। इसलिए जब सानिया मिर्ज़ा अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सफल हुईं तो न सिर्फ भारतीय दर्शकों की टेनिस में दिलचस्पी बढ़ी बल्कि बड़ी संख्या में युवा लड़के व लड़कियां यह खेल खेलने लगे। यही बात बैडमिंटन के संदर्भ में साईना नेहवाल व पीवी सिंधु को लेकर कही जा सकती है। ये तीनों ही भारतीय युवा वर्ग के लिए प्रेरणा की रानियां हैं। इन्हीं के लिए लोग टीवी पर टेनिस व बैडमिंटन देखने लगें हैं, वर्ना एक समय तो ऐसा भी था जब भारत में क्रिकेट के अलावा किसी और खेल को कोई देखता ही नहीं था। 
अब सवाल यह है कि जो कुछ सानिया ने टेनिस के लिए व नेहवाल व सिंधु ने बैडमिंटन के लिए किया, क्या वही मणिका बत्रा टेबल टेनिस (टीटी) के लिए कर सकती हैं? इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि मणिका भारतीय टीटी की नई रानी हैं और वह जिस प्रतिभा व सफलता का परिचय दे रही हैं, उससे यह अनुमान लगाना गलत न होगा कि वह देष में टीटी को पॉपुलर कर सकती हैं। उनकी वजह से लोग टीटी को भी टीवी पर देखने लगेंगे। गौरतलब है हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में सम्पन्न हुए 21वें राष्ट्रकुल खेलों में 22 वर्षीय मणिका ने 2 स्वर्ण पदक (टीम व एकल), 1 रजत पदक (मोउमा दास के साथ महिला युगल) और एक कांस्य पदक (जी साथियन के साथ मिश्रित युगल) यानी कुल 4 पदक जीते थे, जो भारतीय दल में शामिल एक एथलीट के लिए सबसे अधिक थे।
दिल्ली में पैदा हुईं मणिका की गोल्ड कोस्ट में उपलब्धियां संक्षेप में यह हैं-
*मणिका ने विश्व में नंबर चार रैंकिंग की खिलाड़ी व तीन बार ओलंपिक पदक विजेता फेंग तिअन्वेइ को दो बार पराजित किया, पहले महिला टीम स्पर्धा में और फिर एकल के सेमी-फाइनल में।
*मणिका की वजह से भारतीय महिला टीटी टीम ने पहली बार राष्ट्रकुल खेलों का स्वर्ण पदक जीता। भारत ने चार बार की स्वर्ण पदक विजेता और डिफेंडिंग चैंपियन सिंगापुर की टीम को पराजित किया।
*मणिका पहली भारतीय पैडलर (टीटी खिलाड़ी) बनीं जिन्होंने राष्ट्रकुल खेलों में महिला एकल का स्वर्ण पदक जीता है।
*मणिका ने गोल्ड कोस्ट में जिन चार स्पर्धाओं में हिस्सा लिया उनमें सभी में पदक जीता।
*मणिका 2014 में ग्लासगो राष्ट्रकुल खेलों में महिला एकल के क्वार्टर फाइनल तक ही पहुंच सकीं थीं, इस दृष्टि से गोल्ड कोस्ट में उनकी यह उपलब्धि, वह भी मात्र 4 वर्ष के अन्तराल में, काबिले तारीफ है और इससे नई उपलब्धियों की आशाएं जागृत होती हैं।
मणिका की अन्य सफलताएं भी काबिले गौर हैं- 2015 राष्ट्रकुल टीटी चैंपियनशिप में तीन पदक जीते, 2016 में सीनियर नेशनल चैंपियनशिप का एकल खिताब जीता, 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण के साथ चार पदक जीते, 2016 के रिओ ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, उस महिला टीम का हिस्सा थीं, जिसने विश्व टीटी टीम चैंपियनशिप का सेकंड डिवीजन जीतकर इतिहास रचा और 2016 के इलीट डिवीजन के लिए क्वालीफाई किया और मोउमा दास के साथ मिलकर पहली भारतीय जोड़ी बनीं जो 2017 की विश्व टीटी चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंची।