खेलों में पंजाब की खोई प्रतिष्ठा फिर से हासिल करेंगे : राणा सोढी

जालन्धर, 25 अप्रैल : खेलों के क्षेत्र में किसी समय पंजाब का पूरा बोलवाला था तथा ओलम्पिक खेलों में पदक जीतने वाली हाकी टीम के आधे से अधिक खिलाड़ी पंजाब से थे परन्तु विगत में राज्य खेलों के मामले में काफी पिछड़ गया है। इन विचारों का प्रकटावा नए बने खेलों व नौजवान मामलों के कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने आज यहां ‘अजीत भवन’ में एक विशेष भेंटवार्ता में बताया कि ऐसे हालात में राज्य की खोई हुई प्रतिष्ठा पुन: हासिल करना उनके सामने बड़ी चुनौती है तथा इस संबंधी शीघ्र ही नई खेल नीति अपना कर अमल में लाई जाएगी। यह नई खेल नीति ऐसी होगी, जिसमें खिलाड़ियों को अपने भविष्य की कोई चिंता नहीं होगी तथा उनके आर्थिक हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समय राज्य के पदक विजेता खिलाड़ियों को काफी कम धन राशि इनाम के रूप में दी जाती है, जबकि हरियाणा सरकार द्वारा कहीं अधिक पुरस्कार राशि से खिलाड़ियों का सम्मान किया जाता है परन्तु अब पंजाब सरकार द्वारा भी खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि में वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को बेहतर मूलभूत ढांचा मुहैया करवाने के साथ-साथ उनको अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिसके लिए ज़रूरत पड़ने पर बाहर से कोच भी मंगवाए जाएंगे तथा यहां के कोचों को भी प्रशिक्षण लेने के लिए विदेश  भेजा जाएगा। इसी तरह खिलाड़ियों को निचले स्तर से खेलों से जोड़ने के लिए स्कूलों में खेल विंगों को और मज़बूत किया जाएगा तथा इस संबंधी कार्पोरेट संस्थानों की सहायता भी ली जाएगी। इसके साथ ही विधानसभा हलका गुरु हरसहाय की प्रतिनिधित्व कर रहे राणा सोढी ने कहा कि ऐसा नहीं कि राज्य के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी है या वे किसी से किसी बात से कम हैं, परन्तु कई बार आर्थिक मज़बूरियों व सुविधाओं की कमी आदि कारणों के कारण वे पिछड़ जाते हैं। नई खेल नीति में सरकार द्वारा खिलाड़ियों को आर्थिक, तकनीकी व मानसिक तौर पर मज़बूत बनाने पर ज़ोर दिया जाएगा। इस संबंधी मनोचिकित्सकों की सहायता भी ली जाएगी तथा हर खिलाड़ी को उसकी विभिन्न खेलों में दिलचस्पी, समर्था व मुहारत के हिसाब से तैयार कर उनकी ऊर्जा को सही दिशा दी जाएगी। 
उन्होंने आशा व्यक्त की कि आती ओलम्पिक व एशियाई खेलों में पंजाब के खिलाड़ी बढ़िया प्रदर्शन कर सकेंगे तथा पुन: राज्य का नाम रोशन करेंगे। राणा गुरमीत सिंह सोढी ने नशों व बेरोज़गारी की चक्की में पिस रहे नौजवानों बारे अपने भविष्य की रणनीति बारे खुलासा करते हुए कहा कि बारहवीं व ग्रैजुएशन के बाद नौजवानों की बड़ी चिंता रोज़गार उपलब्धि होती है तथा इस संबंधी सरकार द्वारा नौजवानों को रोज़गारोन्मुखी शिक्षा से जोड़ा जाएगा तथा हर एक नौजवान को उसकी समर्था व योग्यता के अनुसार रोज़गार उपलब्ध करवाया जाएगा। नौजवानों द्वारा रोज़गार प्राप्ति के लिए विदेशों की ओर किए जा रहे रुख बारे एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि नौजवानों का मौजूदा प्रबंध में विश्वास उठ चुका है तथा उन्होंने उनकी कोशिश नौजवानों को प्रशिक्षण देकर उनको यह विश्वास दिलाना है कि वह अपने राज्य में भी सम्मानजनक काम कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सकते हैं, जिसके लिए नौजवानों को रोज़गारोन्मुखी प्रशिक्षण के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे।