सिख इतिहास शामिल करवाने हेतु गांव स्तरपर संघर्ष शुरू करेगा : डॉ. चीमा

लुधियाना, 5 मई  (कविता खुल्लर): शिरोमणि अकाली दल के सचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री डा-दलजीत सिंह चीमा ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शिरोमणि अकाली दल की तरफ से स्कूल शिक्षा की बारहवीं की किताब में से सिक्ख इतिहास और पंजाब का इतिहास निकालने के विरूद आने वाले समय में मुहिम शुरू की जा रही है, जिसको गांव स्तर तक ले जाया जाएगा। डा: चीमा ने कहा कि अकाली दल की 11 मई को होने वाली बैठक में अगले संघर्ष की रूपरेखा तैयार की जाएगी और अकाली दल की तरफ से इस मुद्दे दो राजनीति से उपर उठकर पार्टीबाजी और धडडेबाड़ी से बगैर सभी संगठनो और पक्षो को लेकर संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य भर में एक सिक्ख मुख्यमंत्री की सरकार के समय सिक्ख इतिहास और पंजाब के इतिहास को गायब करना मंदभागा है। मुख्यमंत्री को तुरंत बताना चाहिए कि यह सबकुछ उन्होने सोनिया गांधी के कहने पर किया है या राहुल गांधी ने ऐसा करने के लिए आदेश दिया था। डा: चीमा ने कहा कि 2010 में जिस ज्ञान सरोवर किताब की बात सिमरनजीत सिंह मान कर रहे है। उसको उस समय के निर्देशक जनरल शिक्षा कृष्ण कुमार ने तैयार करवाया था, पर जब इस संबंधी उस समय की शिक्षा मंत्री डा: उपिंद्रजीत कौर को पता लगा तो उन्होने ना सिर्फ पुस्तक को लागू करने पर रोक ही नही लगायी, ब्लकि लिखती माफी मांगी और किताब के लेखक व  संबंधित श्री अकाल तख्त साहिब पर भी पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने तो पहले मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर किताब में से सिक्ख इतिहास गायब होने के बारे बताया था, पर मुख्यमंत्री ने गल्ती मानने की बजाए झूठ बोला था। उन्होंने कहा कि बारहवीं की किताब में पिछली सरकार  वाला सिलेबस डाला जाए, तो उनको आपत्ति नही है। इस मौके जत्थेदार हीरा सिंह गाबडिया, रंजीत सिंह ढिल्लो, बाबा अजीत सिंह, बीबी सुरिंद्र कौर, हरकीरत सिंह, निर्मल सिंह, बलविंद्र सिंह, तेजिंद्र सिंह, राजिंद्र सिंह भाटिया व अन्य उपस्थित थे।