लाइब्रेरियन के लिए रोज़गार की सम्भावनाएं

कॅरिअर के रूप में लाइब्रेरियन के लिए रोजगार की कई संभावनाएं मौजूद रहती हैं। प्रशिक्षित लाइब्रेरियन किताबों ही नहीं आज के इंफोर्मेशन युग में तमाम तरह की डिजिटल  सूचनाओं का भी प्रबंधन करते हैं। इसलिए इनकी जरूरत स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में, तमाम राष्ट्रीय संग्रहालयों, अभिलेखागारों, एनजीओं, विदेशी दूतावासों या उच्चायोगों में, तमाम मीडिया संस्थानों में और तमाम कारपोरेट संस्थानों में भी होती है। ये प्रशिक्षित लाइब्रेरियन हार्डबाउंड किताबों के साथ-साथ सूचनाओं के रूप में अदृश्य या सॉफ्ट किताबों को भी व्यवस्थित करते हैं। जैसे-जैसे सूचनाओं या ज्ञान की अधिकता हुई है, उससे इसे और ज्यादा व्यवस्थित करने की जरूरत भी पैदा हुई है। क्योंकि अगर इसे व्यवस्थित ढंग से इस्तेमाल न किया जाए तो यह एक किस्म का जंजाल बन जाता है। लाइब्रेरियन किताबों को जंजाल नहीं बनने देते, इसलिए आज भी इनकी महत्वपूर्ण जरूरत बनी हुई है।  पुस्तकालय में रोजगार उन्हें मिल सकता है जिन्होंने पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में किसी तरह डिग्री या डिप्लोमा हासिल किया है। इस क्षेत्र में डिग्री और डिप्लोमा हासिल करने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 10+2 है। अगर आप 10+2 हैं तो पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में डिप्लोमा पाठ्यक्रम या डीएलआईएससी अथवा डीलिब का डिप्लोमा कर सकते हैं। इसी तरह बीएलआईएससी या बीलिब है जो कि एक साल का डिप्लोमा कोर्स है। यह किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में आमतौर पर उपलब्ध रहता है। पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान से एम फिल भी किया जा सकता है जिसकी पात्रता किसी भी विश्वविद्यालय से एमएलआईएससी है। विभिन्न पाठ्यक्रमों की अलग-अगल अर्हताएं हैं, जिस भी संस्थान में एडमिशन लेना हो खासकर उसकी अर्हताओं को जानना चाहिए। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि एक प्रशिक्षित लाइब्रेरियन की नौकरी सिर्फ  लाइब्रेरीभर में नहीं होती और भी बहुत-सी जगहों में होती है। एक प्रशिक्षित लाइब्रेरियन को शुरू से ही ठीक-ठाक पैसे मिलने लगते हैं। चार पांच साल बाद कोई भी प्रशिक्षित लाइब्रेरियन 50 से 80 हजार रुपये महीना तक कमाता है। हां, इस लाइन में वही आये जिसे किताबें पढ़ने के साथ-साथ देखने का भी शौक हो। क्योंकि लाइब्रेरीज में हजारों नहीं लाखों की तादाद में किताबें होती हैं। जिन्हें मैनेज करना मेहनत के साथ-साथ रूचि का भी विषय होता है यानी आपकी रूचि नहीं होती तो मुश्किल में पड़ जाते हैं। बहरहाल इस क्षेत्र में रोजगार की कमी नहीं है। इसलिए इस क्षेत्र में आना है तो इन संस्थानों से डिग्री या डिप्लोमा हासिल किया जा सकता है।

-नरेंद्र कुमार