मुख्यमंत्री द्वारा इतिहास के पाठ्यक्रम पर पुन: जांच हेतु 6 सदस्यीय कमेटी की घोषणा

चंडीगढ़, 7 मई :  पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा 11वीं व 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तकों में बदलावों को लेकर राज्य में पनपे रोष को भांपते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा आज इतिहास के पाठ्यक्रम पर पुन: जांच के लिए प्रसिद्ध इतिहासकार डा. कृपाल सिंह की अगुवाई में एक 6 सदस्यीय कमेटी गठित करने की घोषणा की गई है। इस कमेटी में श्री गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. जे.एस. ग्रेवाल, प्रो. वाइस चांसलर प्रो. प्रिथीपाल सिंह कपूर व पंजाब यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग से प्रो. इंदु बंगा को शामिल किया गया है, जबकि दूसरे दो इतिहासकार शिरोमणि कमेटी की सिफारिश पर शामिल किए जाएंगे। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि यह कमेटी स्थाई होगी जोकि शिक्षा बोर्ड की इतिहास की पुस्तकों की जांच का काम करती रहेगी। यह कमेटी 2014 के दौरान पूर्व सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञों के ग्रुप की सिफारिशों पर भी जांच करेगी और इतिहास की पुस्तकों में जहां कहीं संशोधन की ज़रूरत होगी उसके लिए भी सिफारिश करेगी। मुख्यमंत्री जोकि आज यहां पंजाब भवन में एक भव्य प्रैस कान्फ्रैंस को सम्बोधित कर रहे थे, ने आरोप लगाया कि अकाली नेता इस मुद्दे पर केवल राजनीतिक कर रहे हैं जबकि पुराने पाठ्यक्रम पर पुनर्विचार व बदलाव का उन्हाेंने खुद ही फैसला लिया और प्रक्रिया शुरू की। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा देश में माहौल को साम्प्रदायिक रंगत देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि भाजपा इसका चुनावों में लाभ ले सके। उन्हाेंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को क्या अधिकार है कि वह मुसलमानों को नमाज़ मस्जिद में पढ़ने को कहें। उन्होंने कहा कि भगवान का नाम कोई घर में भी ले सकता है या ख्वाहिश के अनुसार किसी अन्य जगह पर भी ले सकता है। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और विधान हर किसी को धार्मिक आज़ादी प्रदान करता है। क्या खट्टर विधान से ऊपर हैं? कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि शाहकोट से कांग्रेस उम्मीदवार के विरुद्ध केस दर्ज करने वाले एस.एच.ओ. संबंधी राज्य सरकार चुनाव आयोग को लिख रही है कि उसकी भूमिका की भी जांच करवाई जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि उक्त एस.एच.ओ. द्वारा केस दर्ज करने से पहले रात को दो बार सुखपाल सिंह खैहरा व एक बार डा. दलजीत सिंह चीमा के साथ भी टैलीफोन पर बात की। उन्होंने कहा कि इस पुलिस इंस्पैक्टर का  तबादला कुछ समय पहले राणा गुरजीत द्वारा करवाया गया था, जिस कारण उसकी राणा के साथ रंजिश थी परंतु उसका नाम चुनाव आयोग के पैनल में दोबारा कैसे चला गया इसकी भी जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि नि:संदेह ऐसे अधिकारी अकालियों के प्रभाव में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण सरकार इस मौके केवल चुनाव आयोग को ही शिकायत कर सकती है और उन्हें उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस संबंधी कार्रवाई करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों के विरुद्ध गठित विशेष जांच टीम प्रशंसनीय काम कर रही है और गत वर्ष दौरान लगभग 16000 नशे बेचने वालों को पुलिस द्वारा काबू किया गया है और अब जेलों में चौकसी बढ़ाने के लिए उनकी मांग पर केन्द्रीय सुरक्षा बलाें की 7 कम्पनियां राज्य को मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि नशों के कुछ बड़े व्यापारी विदेश भाग गए हैं और उनमें से एक हांगकांग में काबू भी आ गया है, इन सभी को वापस स्वदेश लाने की प्रक्रिया जारी है। पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया बारे उन्होंने पत्रकारों को स्पष्ट किया कि वह मेरा कोई भतीजा नहीं है। उनके विरुद्ध हाईकोर्ट की देखरेख में ईडी जांच चल रही है, लेकिन पुख्ता सबूतों के बिना सरकार उसके विरुद्ध  कार्रवाई नहीं कर सकती। मुख्यमंत्री ने आज पुन: स्पष्ट किया कि निजी तौर पर वह हमेशा कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को बा-इज्जत केस में से बरी देखना चाहते हैं क्योंकि वह बेकसूर हैं परंतु अदालत में राज्य सरकार के लिए अपने पुराने स्टैंड को दोहराना मजबूरी था। उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा को और अतिरिक्त पानी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर द्वारा पाकिस्तान को जाते पानी रोकने संबंधी लिखे गए पत्र संबंधी पूछे गए आप्रेशन पर कैप्टन ने कहा कि उनको ऐसा कोई भी पत्र नहीं मिला है पर उन्होंने बताया कि वह खुद ही केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सीमावर्ती राज्यों की एक बैठक बुलाकर यह मामला विचार-विमर्श करने के लिए कह चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हरियाणा को अधिक पानी देने का सवाल नहीं पैदा नहीं होता।