किला रायपुर के हॉकी खिलाड़ी कर्मजीत सिंह

ज़िला लुधियाना के चर्चित गांव किला रायपुर के ग्रामीण खेल मेलों की शुरुआत करने के कारण पूरी दुनिया में पहचान है। चाहे इन खेलों में आज के समय ज्यादा रुझान पारम्परिक खेलों का है, लेकिन फिरभी किला रायपुर की राष्ट्रीय हॉकी खेल में एक विलक्षण पहचान बनी है। यह एक अलग बात है कि किला रायपुर को हॉकी में जो उपलब्धियां करनी चाहिए थी, वह नहीं हो सकीं, लेकिन फिर भी ओलम्पियन गुरचरण सिंह जो 1936 ओलम्पिक में ध्यान चंद की कप्तानी में भारत की ओर से खेले और रेलवे वाले दलजीत सिंह ग्रेवाल जिंदू बाई, एथलीट और हॉकी खिलाड़ी हरभजन सिंह ग्रेवाल, सुखविंदर सिंह सुखी, परमजीत सिंह पम्मा, नारायण सिंह ग्रेवाल आदि कई और नामी खिलाड़ी किला रायपुर के खेल मैदानों ने पैदा किए, जिन्होंने समय-समय पर राष्ट्रीय स्तर पर अपना हॉकी का हुनर बिखेरा। अब गांव किला रायपुर को एक बड़ा सम्मान मिला है कि किला रायपुरके जांबाज़ हॉकी खिलाड़ी कर्मजीत सिंह काला गोलकीपर इस वर्ष 27 जुलाई से 5 अगस्त तक स्पेन के शहरटरेसा में होने वाले मास्टर विश्व कप के लिए अमरीका की टीम के लिए चुने गये हैं। कर्मजीत सिंह का यह चयन सिख कौम के लिए और खास करके पंजाबियों के लिए बड़े सम्मान वाली बात है। किला रायपुर का यह खिलाड़ी कर्मजीत सिंह काला अमरीका के शहर फरिज़नोल में रहता है। वर्ष 2000 से अमरीका में बसे कर्मजीत सिंह काला किला रायपुर के खेल मैदानों से खेलते हुए स्कूलों के राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध गोलकीपर बने। फिर गुरुसर सुधार कालेज में अपने हॉकी के हुनर का लोहा मनवाते हुए ऑल इंडिया अंतर यूनिवर्सिटी स्तर पर खेले। वह लगातार हॉकी खेलते रहे। जिसके कारण आज अमरीका की टीम की ओर से उनको मास्टर विश्व कप हॉकी खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने उभरते हॉकी खिलाड़ियों को यही प्रेरणा दी कि वह कड़ी मेहनत, ईमानदारी और समर्पित भावना से हॉकी खेलते रहें तो सफलता एक न एक दिन ज़रूर स्वयं मिलती है।